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( विशेष संवाददाता)
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भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी पदाधिकारियों ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब भिलाई ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन धरने पर बैठा है। एसोसिएशन की मांग है कि भिलाई इस्पात संयंत्र का उत्पाद लोकल ट्रांसपोर्टर के द्वारा ट्रांसपोर्ट किया जाए, न कि बाहरी गाड़ियों को डायरेक्ट बुकिंग दी जाए।
एसोसिएशन के पदाधिकारी इंदरजीत सिंह का कहना है कि पहले भिलाई स्टील प्लांट से जो भी माल ट्रांसपोर्ट किया जाता था उसे लोकल ट्रांसपोर्टर को दिया जाता था। लोकल ट्रांसपोर्टर उस माल को लोड करके पास के गोडाउन तक पहुंचाते थे। इसके बाद वहां से बार के ट्रांसपोर्टर की गाड़ियां माल लेकर जाती थी। अब बीएसपी ऑनलाइन बिडिंग करती है। जो भी माल बाहर जाता है बिचौलियों के द्वारा सीधे बाहर की गाड़ियों को बुकिंग दे दी जाती है।
ऐसा करने से लोकल ट्रांसपोर्टर बेरोजगार हो गए हैं। उनके पास काम नहीं है। एसोसिएशन का कहना है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वो आगे अपने धरना प्रदर्शन को और तेज करेंगे। एसोसिएशन के पदाधिकारी अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र से भी मिल चुके हैं।
इस एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का छत्तीसगढ़ ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी समर्थन किया। एसोसिएशन के पदाधिकारी ने कहा कि भिलाई ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की मांग पूरी तरह से जायज है। वह उनकी हड़ताल हर तरह से साथ देने को तैयार हैं। वह लोग उनके साथ खड़े रहेंगे।
भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि उनकी 1500 गाड़ियों के पहिए कोरोना के सामय से जाम हैं। पहले कोरोना उसके बाद बीएसपी गलत पॉलिसी ने उनका रोजगार छीन लिया है। उनकी इस गाड़ियों में 3000 से अधिक लोगों का परिवार पल रहा था। आज उनके सामने दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि उनकी मांग भिलाई स्टील प्लांट के अधिकारियों के सामने रखी गई है। इसे लेकर यूनियन और जिम्मेदार अधिकारियों के साथ शुक्रवार शाम को बैठक होनी है। बैठक के बाद जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसके मुताबिक आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
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