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कुम्हारी बस हादसे में मृतकों के परिवार को मिले 50 लाख का मुआवजा - मिश्रा

कुम्हारी बस हादसे में मृतकों के परिवार को मिले 50 लाख का मुआवजा – मिश्रा

भिलाई। हिंद मजदूर सभा छत्तीसगढ़ राज्य के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं वरिष्ठ श्रमिक नेता एच.एस. मिश्रा ने कुम्हारी बस हादसे में प्रत्येक मृतकों के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने सहित एक आश्रित सदस्य को नौकरी और घायलों को 5 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग रखी है और जब तक वह घायल लोग पूरा स्वस्थ नही हो रहे है तब प्रबंधन उनका पूरा भुगतान करेंगा और उनको नियमानुसार फिट होने समय तक घटना के समय से पूरा सैलरी भी मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ  कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। पूर्व में हो चुकी जानलेवा घटनाओं के बावजूद कर्मचारियों को सुरक्षा देने में लापरवाही बरतने वाले केडिया डिस्टलरी प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाना जरूरी है।

प्रदेश के वरिष्ठ श्रमिक नेता एच. एस. मिश्रा ने इस बात पर चिंता जताया है कि जब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है तब शासन – प्रशासन की आंखें खुलती है। कुम्हारी के गहरे खदान में बस के गिरने से केडिया डिस्टलरी के 12 कर्मचारियों की असमय हुई मृत्यु के बाद शासन – प्रशासन की नजर आ रही तथाकथित गंभीरता इस बात को साबित कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी कारखाने में प्रशासन को समय – समय पर निरीक्षण के लिए जाना चाहिए। ऐसा किए जाने से कर्मचारियों के साथ होने वाले शोषण से लेकर उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की जानकारी मिलती है। लेकिन ऐसा होता नहीं है। केडिया डिस्टलरी में पूर्व में भी कर्मचारियों के साथ जानलेवा घटनाएं हो चुकी है। प्रबंधन अगर कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील रहता तो 9 अप्रैल की घटना को रोका जा सकता था।

श्री मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों को लाने और वापस लेकर जाने वाले बसों की निगरानी और जरुरत के मुताबिक मरम्मत बहुत जरूरी है। लेकिन प्रबंधन को अपने उत्पादन और लाभ की ही चिंता बनी रहती है। कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर प्रशासन का कोई दबाव नहीं रहने से कारखाना प्रंबधन मनमानी करते हैं। जिसके परिणामस्वरूप इस तरह की बड़ी जानलेवा दुर्घटना हो जाती है।

इसलिए मामले की गहराई से निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कंपनी के बस से नियमित कर्मचारी ही कार्य स्थल पर आते – जाते हैं। फि र ठेकेदार के मजदूरों को किसके आदेश पर बस से ले जाया जा रहा था, इसकी भी जांच होनी चाहिए।

श्री मिश्रा का कहना है कि जिस रास्ते से कर्मचारियों को लेकर बस आना-जाना करती रही है उसके दोनों तरफ  लगभग 28 से 30 फ ीट से भी गहरी खदान है, किंतु केडिया डिस्टलरी प्रबंधन ने कभी इसकी सुध नहीं ली। इसके पूर्व खपरी नाला मे भी श्रमिकों को ले जाने वाले वाहन से दुर्घटना हुई थी। जिसमें तीन श्रमिकों की मौत हो गई थी?। कंपनी में लगभग 2000 श्रमिक कार्यरत है, जिसमें 650 के लगभग श्रमिक रिकार्ड में हैं और बॉटलिंग विभाग में कार्यरत 1200 के करीब श्रमिकों का रिकॉर्ड नहीं हैं।

उन श्रमिकों को प्रतिदिन 12 घण्टे कार्य कराया जाता हैं और न्यूनतम वेतन 230 से 250 रुपए मजदूरी दी जा रहीं है। इन श्रमिकों को मेटाडोर व अन्य करीब 40 वाहनों से असुरक्षित तरीके से प्रतिदिन लाना ले जाना किया जाता है। जो कानून गलत है। शासन के विभागों के उदासीनता के कारण श्रम कानून व सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। इसलिए केडिया डिस्टलरी प्रबंधन पर तत्काल एफ आईआर दर्ज कराया जाना चाहिए।

श्रम विभाग द्वारा बार बार परिपत्र और चेतावनी दिया जाता है कि श्रम कानून का पालन करना अतिआवश्यक है  उसके बाद भी प्रबंधन अपनी मनमानी करता है और कानून का सरासर उल्लंघन करता है। वहीं घटना की जांच में किसी तरह की लीपापोती नहीं होनी चाहिए।

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