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पश्चिम से पूरब 12 जिलों को जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेसवे नरेंद्र मोदी

मेरठ विधानसभा चुनाव से पहले यूपी को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाहजहांपुर में शनिवार (18 दिसंबर) को गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों से होकर गुजरेगा। राजनीतिक दृष्टि से एक्सप्रेसवे बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि एक्सप्रेसवे यूपी के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र को आपस में जोड़ेगा।

एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर जाएगा। एक्सप्रेसवे जिन जगहों से होकर गुजरेगा वहां के औद्योगिक और धार्मिक पड़ावों को भी आपस में कनेक्ट करेगा। इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा जिसके साथ दिल्ली से प्रयागराज तक की दूरी भी कम होगी।

मेरठ से प्रयागराज तक यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। लिहाजा एक्सप्रेसवे यूपी के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र को आपस में जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (एनएच-334) पर मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज बाइपास (एनएच 19) पर जुडापुर दांदू ग्राम के पास समाप्त होगा।

594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेसवे की शुरुआत मेरठ से होगी। मेरठ के शहीद स्मारक से होते हुए हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर को जोड़ेगा। इसके बाद अगला बुलंदशहर होगा जहां प्रस्तावित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाया जाना है। बुलंदशहर के बाद एक्सप्रेसवे अमरोहा से होकर गुजरेगा और प्रसिद्ध वासुदेव मंदिर के दर्शन सुलभ कराएगा।

संभल के धार्मिक स्थानों को जोड़ेगा
अमरोहा के बाद संभल के कैलादेवी मंदिर से यह एक्सप्रेसवे जुड़ जाएगा। संभल के बाद बदायूं में एक्सप्रेसवे पहुंचेगा जहां यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को जोड़ेगा, साथ ही हनुमंत धाम से भी कनेक्ट होगा। शाहजहांपुर में एक्सप्रेसवे पर 3.5 किमी लंबी एयरस्ट्रिप बनाई जाएगी जहां पर वायुसेना के विमान आपातकालीन स्थिति में लैंड कर सकेंगे और उड़ान भी भर सकेंगे।

शाहजहांपुर-हरदोई से उन्नाव को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे शाहजहांपुर और हरदोई में प्रस्तावित कॉरिडोर के बाद उन्नाव में बैसवारा द्वार से जुड़ेगा। इसके बाद यह रायबरेली, प्रतापगढ़ के कॉरिडोर से होते हुए प्रयागराज पर जाकर खत्म होगी।

 सफर 8 घंटे में
गंगा एक्सप्रेसवे इस एक्सप्रेसवे से मेरठ और प्रयागराज के बीच की दूरी भी घट जाएगी। 11 घंटे से ज्यादा का सफर इसके जरिए 8 घंटे में पूरा होगा। साथ ही व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार को भी बढ़ाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति 120 किमी/घंटा तय की गई है जबकि 2 मुख्य टोल प्लाजा भी होंगे। अब तक एक्सप्रेसवे के लिए 94 फीसदी जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। हापुड़ और बुलंदशहर सहित अन्य जिलों के लोगों के आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा।

एक्सप्रेसवे से फायदे?
पीएमओ की ओर से दावा किया जा रहा है कि एक्सप्रेसवे से औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। पूरी तरह से निर्मित होने के बाद, यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला, उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा।

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