ताज़ा खबर
Home / देश / कानून की भाषा बाधा न बने,PM मोदी

कानून की भाषा बाधा न बने,PM मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्यों के कानून मंत्रियों को संबोधित किया।  न्याय व्यवस्था पर लोगों का भरोसा और देश के लिए मजबूत न्याय व्यवस्था का होना काफी जरूरी है। साथ ही कानून की भाषा काफी सरल होनी चाहिए।

भारत के समाज की विकास यात्रा हजारों वर्षों की है। तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय समाज ने निरंतर प्रगति की है। हमारे समाज की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि वो प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए, खुद में आंतरिक सुधार भी करता चलता है। हमारा समाज अप्रासंगिक हो चुके कायदे-कानूनों, कुरीतियों को, गलत रिवाजों को हटाता भी चलता है।

लोक अदालतों के माध्यम से देश में बीते वर्षों में लाखों केसों को सुलझाया गया है। इनसे अदालतों का बोझ भी कम हुआ है और खासतौर पर, गांव में रहने वाले लोगों को, गरीबों को न्याय मिलना भी बहुत आसान हुआ है।

देश के लोगों को सरकार का दबाव भी महसूस नहीं होना चाहिए। देश ने डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिया है। इनमें से अनेक कानून तो गुलामी के समय से चले आ रहे हैं।

देश में त्वरित न्याय का एक और माध्यम लोक अदालतें भी बनी हैं। कई राज्यों में इसे लेकर बहुत अच्छा काम भी हुआ है। कानून बनाते हुए हमारा फोकस होना चाहिए कि गरीब से गरीब भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ पाएं।

किसी भी नागरिक के लिए कानून की भाषा बाधा न बने, हर राज्य इसके लिए भी काम करे, इसके लिए हमें लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर का सपोर्ट भी चाहिए होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए मातृभाषा में एकेडमिक सिस्टम भी बनाना होगा, लॉ से जुड़े कोर्सेस मातृभाषा में हो, हमारे कानून सरल, सहज भाषा में लिखे जाएं, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण केसेस की डिजिटल लाइब्रेरी स्थानीय भाषा में हो, इसके लिए हमें काम करना होगा।

About jagatadmin

Check Also

Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत कब, जानें तिथि, पूजाविधि और नियम

Vat Savitri Vrat 2024 Kab Hai: वट सावित्री व्रत, जिसे सावित्री अमावस्या या वट पूर्णिमा के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *