नए संसद भवन का काम तेजी से जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के निर्माणकार्यों का लिया जायजा . इस दौरान उन्होंने भवन की छत पर लगे 20 फीट ऊंचा अशोक स्तंभ का अनावरण भी किया. इस दौरान उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद थे.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन को लेकर काफी उत्साहित दिखे थे. उन्होंने बताया था कि अगला शीतकालीन सत्र नए संसद भवन में करवाने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण कार्यों का जायजा लेने के दौरान काम में जुटे श्रमिकों से बातचीत भी की और उनका हालचाल जाना. बताया जा रहा है कि जिस अशोक स्तंभ चिन्ह का पीएम मोदी ने अनावरण किया है. उसका वजन 9500 किलोग्राम है जो कांस्य से बनाया गया है.
इसके सपोर्ट के लिए करीब 6500 किलोग्राम वजन वाले स्टील की एक सहायक संरचना का भी निर्माण किया गया है. नए संसद भवन की छत पर लगने वाले अशोक स्तंभ चिन्ह को आठ चरणों की प्रक्रिया के बाद तैयार किया गया है.
भवन के निर्माण पर 200 करोड़ रुपए अधिक खर्च हो सकता है. ये खर्च स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य कार्यों पर बढ़ा रहा है. इस बढ़े हुए खर्च के लिए सीपीडब्ल्यूडी को लोकसभा सचिवालय की मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
जनवरी में सेंट्रल पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (CPWD) ने नए संसद भवन के निर्माण की लागत में होने वाली वृद्धि के लिए लोकसभा सचिवालय से मंजूरी मांगी थी. सूत्रों के मुताबिक, इस वृद्धि के बाद संसद भवन का बजट 1200 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है.
2020 में नया संसद भवन बनाने का प्रोजेक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स को 971 रुपए करोड़ में मिला था. सरकार ने भवन के लिए अक्टूबर 2022 की समय सीमा निर्धारित की थी और इस साल नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित करने का लक्ष्य रखा था.
सूत्रों के मुताबिक, CPWD ने उन वजहों को बताया है, जिनकी वजह से नए संसद भवन की लागत बढ़ रही है. इसमें स्टील की ऊंची कीमत शामिल है, संसद की नई इमारत भूकंपीय क्षेत्र 5 के मानदंडों के तहत बनाई जा रही है. इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी खर्च बढ़ने की संभावना है.
दरअसल, संसद भवन में मॉर्डन ऑडियो-वीडियो विजुअल सिस्टम लगाया जाएगा. इसके अलावा सभी सांसदों की टेबल पर टैबलेट की व्यवस्था की जाएगी. इसी तरह से मंत्रियों के चेंबर और मीटिंग रूम में उच्च तकनीक वाले डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा.