भाई-बहन के पवित्र प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का पावन पर्व 22 अगस्त को मनाया जा रहा है। भाई की रक्षा की कामना के लिए बहनों ने एक दिन पहले से तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार उनकी भी कुछ खास तैयारी रहने वाली क्योंकि रक्षाबंधन पर्व 492 वर्षों के बाद गजकेसरी व शोभन महायोग में मनाया जाने वाला है।
इस दिन विघ्नहर्ता गणपति महाराज के चरणों में अर्पित करने के बाद भाई को बांधा जाने वाला रक्षासूत्र बहुत कल्याणकारी और सुखदायी साबित होगा।
सभी जगह रक्षाबंधन का पर्व शहर में उल्लास संग मनाया जा रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित केए दुबे पद्मेश के मुताबिक रक्षाबंधन का गजकेसरी व शोभन योग लगभग 492 वर्षों के बाद पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पर सुबह से शाम 5.32 बजे तक शुभ मुर्हूत रहेगा।
इस मुहुर्त में बहनें भगवान गणेश को रक्षासूत्र अर्पित करने के बाद हल्दी-चूना मिश्रित तिलक करके भाइयाें की कलाई पर बाधेंगी तो बहुत कल्याणकारी होगा। भाइयों पर आने वाले सभी संकट गणपति हर लेंगे और सुख-सफलता का आशीष प्रदान करेंगे।
उन्हाेंने बताया कि गजकेसरी व शोभन विशेष रूप से कल्याणकारी होता है। हल्दी व चूने का तिलक करने से आयु में वृद्धि होती है।