बीजेपी की सरकार है। छतरपुर जिले के एक विधानसभा सीट से आने वाले बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति की अपनी ही सरकार में नहीं सुनी जा रही है।
जिले के कलेक्टर उन्हें मिलने के लिए वक्त नहीं दे रहे हैं। ऐसे में वह कलेक्टर शीलेंद्र सिंह के बंगले पर धरने पर बैठ गए हैं। राजेश प्रजापति ने कलेक्टर पर आरोप लगाए हैं कि वह दलित विधायक हैं, इसलिए छतरपुर कलेक्टर न तो उनसे मिलते हैं और न ही उनकी कोई बात सुनते हैं।
दरअसल, चंदला विधानसभा से बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर छतरपुर कलेक्टर से मिलने के लिए आए थे।
छतरपुर कलेक्टर ने न तो उन्हें समय दिया और न ही उनसे मुलाकात की। राजेश प्रजापति ने कलेक्टर शीलेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राजेश प्रजापति ने कहा कि वह एक दलित विधायक हैं, इसलिए कलेक्टर साहब जानबूझकर उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं।
विधायक ने कहा कि उनकी क्षेत्र की समस्याओं के बारे में नहीं सुना जा रहा है। राजेश प्रजापति यहीं नहीं रुके,
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह पिछले कई दिनों से लगातार छतरपुर कलेक्टर से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। क्षेत्र की समस्याओं को बताना चाहते हैं
लेकिन साहब न तो उनसे मिलते हैं और न ही उन्हें मिलने का समय दे रहे हैं।
विधायक राजेश प्रजापति का आरोप है कि वह शाम 4:00 बजे से कलेक्टर साहब से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। बंगले पर आने के बाद पता चला कि कलेक्टर साहब बंगले के अंदर मौजूद हैं
लेकिन मुझसे मिलने के लिए मना कर दिया। मैंने कई बार फोन किए, न तो मेरा फोन उठाया गया और न ही कोई संतोषजनक जवाब दिया गया।
छतरपुर कलेक्टर शीलेंद्र सिंह अपने इसी तरह के रवैया के लिए पहले भी विवादों में रहे हैं और एक बार फिर बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति ने गंभीर आरोप लगाए हैं।