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भिलाई प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली व धार्मिक-सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों को लेकर अनुमति के नाम पर लाए गए काले आदेश के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के आह्वान आज प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय के नेतृत्व में श्रीराम जन्मोत्सव समिति के 4 हजार कार्यकर्ताओं ने जेल भरो आंदोलन में अपनी सहभागिता देते हुए गिरफ्तारी दी।
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समिति के युवा शाखा अध्यक्ष मनीष पाण्डेय के नेतृत्व में समिति के 4 हजार कार्यकर्ताओं ने सेक्टर -1 सेंट्रल एवेन्यू से होते हुए वायशेप ब्रिज के रास्ते बाईक रैली के माध्यम से मानस भवन पहुंचकर इस काले कानून के प्रति अपना रोष जताते हुए गिरफ्तारी दी।
इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने मानस भवन दुर्ग में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों के संवैधानिक अधिकार पर रोक लगाने के लिए यह काला कानून जारी किया है। जिसके तहत अब लोगों को किसी प्रकार के धरना, निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों, जुलूस, रैली, भूख हड़ताल जैसे कार्यक्रमों के लिए सरकार को हलफनामा देना होगा।
पाण्डेय ने कहा कि इन कार्यक्रमों के लिए संगठनों को अनुमति तो लेनी ही है लेकिन उससे पहले हलफनामा देना होगा जिस पर प्रशासन अपनी मर्जी से फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि इस काले कानून में ऐसे- ऐसे बिंदु दिये गये हैंक जिसके अनुसार अब संगठन को ही अपने कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कर 48 घंटे में एसडीएम को सौंपनी होगी जबकि इससे पहले यह कार्य प्रशासन द्वारा किया जाता था।
सरकार ने यह जो आदेश पारित किया है कि उसमें इतना वेग है कि प्रशासन जिसको चाहे उसको घेरे में लेकर कार्यवाही कर सकता है। इसमें कण्डिका 18 में उल्लेख है कि उपरोक्त किसी भी बिंदु का उल्लंघन होने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
पाण्डेय ने कहा कि शासन ने हलफनामे के लिए जो प्रारूप जारी किया है वह इतना जटिल है कि उसे भरने में वकीलों की भी जरूरत पड़ेगी और समय भी अधिक लगेगा। तब जाकर कहीं आप अपने आयोजन केलिए अनुमति मांग पाएंगे। इसमें यह भी गौर करने वाली बात है कि यदि संगठन को कलेक्टोरेट का घेराव करना है तो क्या एसडीएम उनकी अनुमति देंगे और क्या मुख्यमंत्री का घेराव करने के लिए कलेक्टर इसकी अनुमति देंगे।
प्रदेश की इस कांग्रेस सरकार ने सिर्फ और सिर्फ लोगों को गुमराह किया है। चाहे युवा वर्ग हो, व्यापारी वर्ग हो या किसान हो, सबको इन्होंने धोखा दिया है। आज प्रदेश के उपर 1 लाख करोड़ से भी अधिक का कर्ज हो चुका है, प्रत्येक आदमी पर 36 हजार रूपए का कर्ज है। प्रदेश के लाखों किसानों का धान आज भी नहीं खरीदा जा रहा है। जिनका धान खरीदा जाता है उन्हें भी किश्तों में राशि दी जाती है। अब तो चिंतन शिविर में खुद कांग्रेस के नेता स्वीकार कर चुके हैं कि उन्हें लोगों के बीच जाना पडे़गा इसलिए ये लोग अब जन जागरण यात्रा निकालने की तैयारी कर रहे हैं।
कांग्रेसियों ने कभी अपने लोगों से किया वादा पूरा नहीं किया तो जनता से किये वादे का क्या ही महत्व। उन्होंने कहा कि आज भी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सोचते हैं कि राहुल गांधी ने उनसे ढाई साल में सीएम बनाने का वादा किया था जब वह पूरा नहीं कर सके। तो जिस वादे के लिए गंगाजल की कसम खाई थी , उस कागज के टुकड़े का इनके लिए क्या महत्व है।
सरकार को यह मालूम हो चुका है कि आने वाले समय में उन्हें जनता का भारी विरोध झेलना पड़ेगा, इसलिए जानबूझकर ऐसा आदेश निकाला। ताकि ये लोगों की आवाज को दबा सकें। उन्होंने कहा कि हम बिना एफिडेविट के यहां प्रदर्शन करने आए हैं यदि आपमें हिम्मत है तो हमपर कार्यवाही करें और जिन धाराओं के तहत करना चाहें, करके दिखायें।
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