दिल्ली और हरियाणा की सीमा सिंघु बॉर्डर पर बीते शुक्रवार को एक दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी. उसके हाथ और पैर को काट दिया गया था.
सिंघु बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल एक शख्स ने इसी साल जून महीने में मृतक लखबीर सिंह सिंघु बॉर्डर प्रदर्शनस्थल पर आया था.
उसने बताया कि मृतक लखबीर सिंह निहंगों के साथ ही उनके टेंट में रहता था. निहंगों ने लखबीर सिंह को टेंट की साफ सफाई और उनके कपड़े धुलने का का काम दिया था. बदले में उसके रहने और खाने-पीने का इंतजाम निहंग करते थे.
बीते 14-15 अक्टूबर की दरमियानी रात में जब लखबीर सिंह निहंगों के सोने से पहले साफ-सफाई कर रहा था तो वो निहंगों के टेंट में रखे ‘सर्बलोह ग्रंथ’ को उसकी जगह से हटा कर वहां की सफाई करने लगा.
लखबीर सिंह जब सफाई कर रहा था तब सर्बलोह ग्रंथ जमीन पर उसके पैर के पास था. इतने में एक निहंग टेंट के अंदर आया और उसने ये देखने के बाद लखबीर सिंह को मारा पीटा और उस पर सर्बलोह ग्रंथ का अपमान करने का आरोप लगाया.
कई और निहंग आ गए और जैसे ही उन्हें पता चला कि लखबीर सिंह ने सफाई के लिए सर्बलोह ग्रंथ को जमीन पर अपने पैर के पास रखा था.
उन्होंने भी लखबीर सिंह को पीटना शुरू कर दिया. जिसके बाद लखबीर सिंह ने भागने की कोशिश की लेकिन उसे पकड़ लिया गया और उसके हाथ-पैर बांध कर निहंग जत्थेदार अमनदीप सिंह और बाबा नारायण सिंह के सामने पेश किया गया.
जहां अमनदीप सिंह और बाबा नारायण सिंह ने निहंगों के समूह के साथ लखबीर सिंह से पूछताछ करने के बाद उसका हाथ जिससे लखबीर सिंह ने सर्बलोह ग्रंथ छुआ था.
और पैर जिसके पास सर्बलोह ग्रंथ रखा देखा गया था, उसे काटने का हुक्म सुना दिया.