



। जबलपुर से रवाना होने वाली ट्रेनों से लेकर यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में इन दिनों पैर रखने तक की जगह नहीं है। हालात यह है कि जबलपुर से लंबी दूरी की ट्रेनों में लंबी वेटिंग लगी है तो कई दूरी की ट्रेनों में और बुरा हाल बुरा है। जबलपुर से रायपुर के बीच एक ही ट्रेन है, लेकिन इसमें भी इस माह न तो स्लीपर में आरक्षित सीट है और न ही एसी कोच में।
जबलपुर से पटना, इलाहाबाद, हावड़ा, एलटीटी और अहमदाबाद जाने वाली ट्रेनों का भी हाल ऐसा ही है। रेलवे ने इन ट्रेनों में चल रही लंबी वेटिंग से राहत देने के लिए समर स्पेशल ट्रेन तो चलाई है, लेकिन इनमें भी अब वेटिंग लग गई है। हालांकि इन ट्रेनों में वेटिंग से ज्यादा इनकी लेटलतीफी ने यात्रियों को मुश्किल में डाल दिया है। हालात इतने बुरे हो गए हैं कि स्लीपर कोच के हाल जनरल कोच से भी ज्यादा बुरे हो गए हैं। हर साल रेलवे दावा करती है कि वह अधिक से अधिक यात्रियों को आरक्षित सीट उपलब्ध कराने समर स्पेशल ट्रेन चलाएगा, लेकिन यह दावा ट्रेन के कोच और उसमें लगी वेटिंग देखकर गलत साबित हो जाता है।
जबलपुर से एलटीटी, पटना और प्रयागराज जाने के लिए यहां से रवाना होने वाली एक भी ट्रेन नहीं हैं। इन शहरों के लिए सभी ट्रेनें जबलपुर से होकर गुजरती हैं। इस वजह से इन ट्रेनों में आरक्षित सीट मिलना और मुश्किल हो जाता है। जबलपुर से एलटीटी के लिए एक मात्र ट्रेन गरीब रथ है, जो सप्ताह में तीन दिन चलती है, लेकिन इसमें वेटिंग 400 से अधिक रहती है। यही हाल पटना और प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों का है। मई माह में रेलवे ने समर स्पेशल ट्रेन को चलाया तो है, लेकिन इनमें सामान्य ट्रेनों की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा किराया होता है और तय समय से 6 से 10 घंटे तक लेट चलती हैं। हालांकि इसके बाद भी इन ट्रेनों में भी आरक्षित सीट मिलना मुश्किल है।
भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस- रात 9.10 पर आती है, आई रात 11 बजे। बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस- रात 9 बजे पर आती है, आई रात दो बजे। इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस- सुबह 3.48 पर आती है, आई सुबह पांच बजे।