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CGPSC टॉपर्स ने शेयर किया एक्सपीरीयंस,कलेक्टर ने दिए सफलता के टिप्स

भिलाई सिविक सेंटर स्थित कला मंदिर में शनिवार को सैकड़ों की संख्या में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं ने एक्सपर्ट से गुरुमंत्र लिया।

कार्यक्रम के बाद वह पहले अधिक एनर्जेटिक दिखे और कहा कि उन्हें सफलता की कुंजी मिल गई है। अब वह भटकेंगे नहीं, बल्कि अपने लक्ष्य को भेदकर ही दम लेंगे।

इस कार्यक्रम में दुर्ग कलेक्टर आईएएस डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे भी पहुंचे और सफलता का टिप्स दिया। उन्होंने कहा कि हार्ड वर्क और निरंतर कोशिश ही सफलता का सबसे बड़ा रास्ता है।

कार्यशाला में शिल्पा देवांगन, अमित श्रीवास्तव, विकास चौधरी, डिगेश देवांगन और दिलीप कुमार उईके जैसे सीजीपीएससी टॉपर्स भी शामिल हुए और अपने अनुभव बताए।

इसके साथ ही अपर कलेक्टर पद्मिनी भोई, डिप्टी कलेक्टर जागेश्वर कौशल एवं उपसंचालक जनशक्ति नियोजन राजकुमार कुर्रे ने भी युवाओं को संबोधित किया और उन्हें चयनित होने के टिप्स दिए।

जहां बुद्धिमता चूक जाती है वहां काम आता है हार्ड वर्क : कलेक्टर

दुर्ग कलेक्टर ने बताया कि कार्यशाला में 500 विद्यार्थी आए हैं। इनमें से सभी की बौद्धिक क्षमता अलग-अलग होगी। कोई बहुत जल्दी चीजों को याद कर लेता है और किसी को समय लगता है।

सफलता का एक ही सूत्र है। यह प्रसिद्ध कथन याद रखकर चलिए कि वेयर इंटेलीजेंस एंड्स, हार्ड वर्क बिगेन। जिस सीमा पर बुद्धिमता चूक जाती है, वहां पर हार्ड वर्क काम आने लगता है। आप अपनी मेहनत पर निश्चय रखि।

अपना रोल माडल उन लोगों को बनाइए जो आपकी जैसी परिस्थिति से गुजरते हैं।

कलेक्टर ने कहा कि कई बार भ्रम होता है कि ज्यादा लिखने से नंबर मिलते हैं। ऐसा नहीं होता, आपके पास बताने के लिए अच्छी सामग्री होनी चाहिए, साथ ही उसका प्रेजेंटेशन भी अच्छा होना चाहिए।

उदाहरण के लिए यदि आपसे भारत-पाक संबंध की जटिलताओं पर सवाल पूछा जा रहा है तो उत्तर की प्राथमिकता तय होनी चाहिए।

इसमें ट्रेड संबंधी विवाद बाद में आएंगे और जियोपालिटिक्स से संबंधी विवाद पहले आएंगे। ये समझ स्मार्ट रणनीति से और लगातार मंथन से बनती है।

डिप्टी कलेक्टर्स रैंक में सफल अभ्यर्थी ने बताया कि उन्होंने खाली समय में यूट्यूब के जीएस मटेरियल पढ़े। जूम एप भी ट्राई किया। इससे आपसी डिस्कशन मजबूत हुआ। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह ध्यान रहे कि टेक्स्ट बुक पर ध्यान देना सबसे जरूरी है।

आठवीं बार में पीएससी में सफलता हासिल करने वाले टॉपर ने बताया कि उन्होंने टेक्स्ट बुक नहीं पढ़ने की आरंभ में गलती की, अंतिम प्रयास में यह गलती दूर की और स्वर्णिम मौका हाथ लगा।

 

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