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अवैध टेलीफोन एक्सचेंज से भारत सरकार को करोड़ों का चूना, लगाने वाली गैंग गिरफ्तार

नोएडा: उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने  एक महिला और पुरुष को गिरफ्तार कर गिरोह का भंडाफोड़ किया। ये आरोपी नोएडा में एक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे। पुलिस का दावा है कि इनके अवैध टेलीफोन एक्सचेंज से भारत सरकार को 30 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। पुलिस ने लाखों रुपये की उपकरण भी बरामद किए हैं।

नोएडा पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) के बिसरख की रहने वाली स्वीटी शर्मा और नोएडा के सेक्टर-63 निवासी पंकज साफी को गिरफ्तार किया है। दोनों ने सरकारी खजाने को 30 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। पुलिस ने दोनों के कब्जे से करीब 30 लाख रुपये के कंप्यूटर, राउटर और इंटरनेट कनेक्शन बॉक्स जब्त किए गए हैं।

आपको बता दें कि रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के एक अधिकारी की शिकायत पर, केंद्रीय संचार मंत्रालय के तहत नोएडा पुलिस और दूरसंचार विभाग (डीओटी) की एक संयुक्त टीम ने पांच सितंबर को नोएडा के सेक्टर-63 की एक इमारत पर छापा मारा था, जहां अवैध एक्सचेंज चलाया जा रहा था।

नोएडा के एसीपी-1 (सेंट्रल नोएडा) अब्दुल कादिर ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है, उन्होंने इसी साल मई में यह एक्सचेंज खोला था। राउटर के माध्यम से वे अपने सर्वर पर विदेशी कॉल ड्रॉप कराते थे। फिर इसे जियो नेटवर्क के माध्यम से संबंधित कनेक्शन पर घरेलू कॉल के रूप में आगे बढ़ा देते थे। अधिकारियों का कहना है कि इससे भारत सरकार को 30 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हुआ। नोएडा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना सेक्टर-63 में धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि इस तरह की कॉल का पता नहीं चलता। इस तरह की कॉल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकती हैं। साथ ही डीओटी उन लोगों की भूमिका की भी जांच कर रहा है जो इन्फोकॉम कंपनियों में इस तरह के अवैध एक्सचेंज चलाने के लिए इन लोगों को गेटवे या कनेक्शन देती हैं। केंद्रीय संचार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन आरोपियों द्वारा इंटरनेट के माध्यम से विदेशी कॉल को अपने सेटअप पर उतारा और उनको स्थानीय कॉल में बदल कर आगे बढ़ा दिया।

मंत्रालय में एडीजी (सुरक्षा और डिजिटल इंटेलिजेंस) अंकित शुक्ला ने बताया कि चूंकि वे अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी (आईएलडी) गेटवे को दरकिनार कर रहे थे, इसलिए भारत सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में हर मिनट सरकार के लिए राजस्व इकट्ठा होता है। मामले में अभी और भी जांच की जा रही है।

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