



रायपुर अगर आप नया घर बनवाने जा रहे हैं तो कार पार्किंग की जगह निर्धारित कर लीजिए। नक्शे में कार पार्किंग के लिए निर्धारित जगह अनिवार्य कर दी गई है। पार्किंग की जगह में किसी तरह का दूसरा निर्माण कराने पर आपको भारी भरकम जुर्माना भरना पड़ेगा।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, उसके बाद ही नियमितीकरण कराया जा सकेगा। इसी तरह जमीन के लिए निर्धारित उपयोग बदलने की स्थिति में कलेक्टर गाइडलाइन का पांच फीसद अतिरिक्त जुर्माना देना होगा। दरअसल पिछले दिनों विधानसभा में कानून में संशोधन किया गया है। नए संशोधन में यह साफ किया गया है कि पूरी तरह अवैध कब्जे की जमीन पर किए गए निर्माण का नियमितीकरण नहीं किया जाएगा।
रायपुर का तेजी से विस्तार होता जा रहा है। खासकर आउटर के सेजबहार, नवा रायपुर, विधानसभा क्षेत्र, कबीरनगर, सोनडोंगरी आदि इलाकों में हर साल हजारों की संख्या में मकान और कालोनियों का निर्माण हो रहा है। अधिकतर कालोनियों का निर्माण नियमों के विपरीत होने के कारण वे अवैध घोषित की गई हैं।यहां पर रहने वाले नागरिकों को निगम प्रशासन मूलभूत सुविधाएं सड़क,नाली, बिजली, पानी आदि की सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा रहा है।
अब नगर निगम ऐसी अवैध कालोनियों का नियमितीकरण शुरू करने जा रहा है। खासकर ऐसी कालोनियों को प्राथमिकता रखा गया है, जिनके सभी प्लाट बिक चुके हैं और वहां पर 10 फीसद बसाहट हो चुकी है। एक एकड़ की कालोनी से निगम को 60 से 70 लाख रुपये राजस्व मिलने का अनुमान है।अवैध कालोनियों में प्लाट या मकान लेकर मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहवासियों को आने वाले दिनों में बड़ी राहत मिलेगी। दरअसल ले-आउट पास करने का अधिकार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के पास था। इससे दो विभागों के बीच अक्सर खींचतान मची रहती थी।
ऐसी कालोनियों का ले-आउट अब नगर निगम पास करेगा।शहर से लगे बोरियाखुर्द, डूंडा, अमलीडीह, दलदल सिवनी, मोवा, रायपुरा, मुठपुरैना, चंगोराभाठा, भाठागांव, खम्हारडीह, कचना, सड्ढू, कोटा, हीरापुर,सेजबहार, कांदूल सहित आउटर के लगभग सभी इलाकों में पिछले कई वर्षों से लगातार अवैध प्लाटिंग हो रही है। इन इलाकों में अवैध प्लाटिंग के बाद लोगों ने मकान बनाकर रहना भी शुरू कर दिया है।अवैध रूप से बसी कालोनियों का नियमितीकरण करने के लिए प्रति वर्गफीट 125 से 150 रुपये की दर से शुल्क वसूला जाएगा।
इन कालोनियों में प्लाट लेने वाले लोगों को बैंक लोन लेने, नक्शा पास कराने का अधिकार मिल जाएगा। ले-आउट पास होने के बाद निगम प्रशासन विकास शुल्क लेकर वहां पर बिजली, पानी, नाली और सड़क इत्यादि की सुविधाएं विकसित करेगा। खास बात यह है कि अब तक रायपुर समेत प्रदेश के तीन बड़े शहरों में ही अवैध निर्माण का नियमितीकरण हो रहा था। नया कानून लागू होने के बाद प्रदेश के हर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में नियमितीकरण हो सकेगा।
इससे रायपुर समेत प्रदेश भर के 12 हजार से ज्यादा लोगों को फायदा मिलेगा।सड़क की चौड़ाई से लेकर पार्किंग के लिए जगह नहीं होने पर नियमितीकरण का प्रविधान नहीं था, लेकिन अब घर के नक्शे में पार्किंग के लिए निर्धारित सौ फीसदी जमीन पर निर्माण कराने वाले लोगों को प्रत्येक कार के लिए दो लाख जुर्माना देना होगा। इसके बाद निर्माण को नियमित किया जा सकेगा। नियमितीकरण करने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी में एसपी, नगर निगम के कमिश्नर या नगर पालिका के सीएमओ और विकास प्राधिकरण के सीईओ सदस्य होंगे।
वहीं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के प्रभारी अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।महापौर एजाज ढेबर ने कहा, दो विभागों के बीच तालमेल नहीं होने की शिकायतें अक्सर सामने आती थीं। निगम को ले-आउट का अधिकार मिलने से प्रक्रिया सरल होगी। निगम कार्रवाई करने के साथ प्रक्रिया के तहत ले-आउट भी पास करेगा। इससे निगम को राजस्व तो मिलेगा ही लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराना आसान हो जाएगा।