छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी बस्तर में बैठक कर रही है, कार्यक्रम का नाम है चिंतन शिविर। सियासी चिंता के इस शिविर में बुधवार की शाम सियासी दिग्गज सारी टेंशन छोड़ दिल खोलकर नाचे। जगदलपुर के एक होटल में आयोजित चिंतन शिविर में सभी शाम होते ही जुदा अंदाज में नजर आए। पारंपरिक वाद्य यंत्र जैसे बस्तर का ढोल, बांस से बने बाजे कलाकार बजा रहे थे। इस पर मशहूर फोक सॉन्ग ए पान वाला बाबू… की ट्यून बजा रहे थे।
जगदलपुर के होटल में शाम को जब राजनीतिक बैठक खत्म हो गई तो नेताओं के स्नैक्स और कुछ देर बाद डिनर का प्रोग्राम था। स्थानीय कलाकारों को परफॉर्म करने बुलाया गया था। कलाकार अपने वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुति देने लगे। इतने में राष्ट्रीय जनजाति आयोग के प्रमुख रह चुके नंद कुमार साय ने कुछ नेताओं से मंच की ओर चलने का आग्रह किया, मुस्कुराकर नेता उनके साथ हो लिए। इसके बाद नंद कुमार साय गले में ढोल टांगकर खुद नाचने लगे।
पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद विजय बघेल, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, केदार कश्यप पहुंचे। इनके साथ भाजपा के प्रदेश संगठन के अध्यक्ष विष्णुदेव साय और पदाधिकारी पवन साय भी खुद को रोक नहीं पाए।
टी शर्ट पहने राज्य सभा के सांसद राम विचार नेताम और नेता शिव रतन शर्मा भी झूमते हुए पहुंच गए। बृजमोहन अग्रवाल ने सभी नेताओं का हाथ पकड़ा और एक साथ नाचने लगे।
डॉ रमन सिंह ने दोनों हाथों से तालियां बजाकर डांस किया। बीच में नंदकुमार साय ढोल बजा रहे थे। इन्हें घेरकर सभी नाच रहे थे। पार्टी के नेताओं को पूर्व मंत्री केदार कश्यप पकड़ कर मंच के करीब ला रहे थे और नाचने को कह रहे थे। एक मोमेंट ऐसा भी आया जब सींग लगा हुआ बस्तर का मशहूर मुकुट सांसद रामविचार नेताम ने पहन लिया और नाचने लगे। ऐसा ही मुकुट बृजमोहन अग्रवाल ने पार्टी अध्यक्ष विष्णु देव को पहनाया। कुछ देर तक विष्णु देव इसे पहने हुए थे फिर बृजमोहन खुद ये मुकुट पहनकर नाचने लगे। काफी देर तक नेता यूं ही मस्ती में नाचते रहे।
दिन के वक्त चिंतन शिविर में प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। डी पुरंदेश्वरी ने कहा, ‘प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आई है तब से लेकर अब तक 500 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। जो अपने आप में एक बड़ी बात है। भूपेश बघेल कहते हैं कि मैं किसान का पुत्र हूं। किसानों को 2500 रुपए बोनस भी दे रहा हूं।
सच हालांकि यह है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को खाद और बीज की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो चिंता का विषय है। भाजपा ने अपने चिंतन शिविर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में इस विषय को भी रखा था। यदि भाजपा की सरकार आती है तो किसानों के हित में काम किया जाएगा’।