श्रीनगर : घाटी में आतंकियों से लोहा लेने वाला जांबाज आर्मी डॉग जूम (Zoom) गुरुवार को शहीद हो गया था। वह दो गोली लगने के बाद भी सर्च अपरेशन में आखिर तक डटा रहा। शुक्रवार को सेना ने इस योद्धा को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। जूम जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गया था।
श्रीनगर स्थित पीआरओ डिफेंस कर्नल इमरोन मुसावी ने कहा कि श्रीनगर के बादामी बाग छावनी के चिनार युद्ध स्मारक में एक समारोह में चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला और सभी रैंकों ने वीर सैनिक को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अनंतनाग के तांगपाव में अभियान के दौरान जूम ने न केवल आतंकवादियों के सटीक स्थान की पहचान करने में बल्कि एक आतंकवादी को निष्क्रिय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, इस मुठभेड़ में डॉग को दो गोलियां लग गईं।
घायल होने के बावजूद ज़ूम ने दूसरे छिपे हुए आतंकवादी का पता लगाया और टार्गेट से लौट आया। उसके शरीर से काफी मात्रा में खून निकल गया था, जिसके चलते वह बेहोश हो गया। पीआरओ ने कहा कि उसने टीम को लश्कर के दो आतंकवादियों पर कार्रवाई करने में मदद की। बाद में जूम को तुरंत श्रीनगर के सेना के पशु चिकित्सा अस्पताल में ले जाया गया, जहां वह अंत तक लड़ता रहा, आखिरकार उसने गुरुवार सुबह 11:50 बजे अंतिम सांस ली।
आर्मी कैनाइन चिनार वारियर्स का एक बहुमूल्य सदस्य था। कर्नल मुसावी ने कहा कि दो साल की अपनी छोटी उम्र के बावजूद ज़ूम कई आतंकवाद विरोधी अभियानों का एक अनुभवी योद्धा था, जहां उसने अपनी ऊर्जा और साहस से खुद को प्रतिष्ठित किया था। उन्होंने कहा कि जूम में चिनार कॉर्प्स ने एक बहादुर टीम सदस्य खो दिया है। वह सभी रैंकों को विनम्रता, समर्पण और साहस के साथ अपना काम करने के लिए प्रेरित करेगा।