मध्य प्रदेश: भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान मध्य प्रदेश के मुरैना के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं. इनमें एक विमान सुखोई-30 है, जबकि दूसरा विमान मिराज-2000 है. मामले में भारतीय वायु सेना की तरफ से बयान सामने आया है. हादसे में शामिल तीन पायलटों में से एक पायलट शहीद हो गया. वहीं, दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
मुरैना के पास पहाड़गढ़ विकासखंड में जंगल के ऊपर हवा में दोनों विमान टकरा गए थे और उनमें आग लग गई. राहत व बचाव का काम जारी है. विमानों में मौजूद सभी पायलटों को अस्पताल ले जाया गया. इस हादसे में विमान को उड़ा रहे एक पायलट शहीद हो गए, जबकि दो पायलटों को सुरक्षित बचाया गया है.
- मामले में वायुसेना का कहना है कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी से साफ हो पाएगा कि दुर्घटना कैसे हुई. हालांकि, ये अब लगभग साफ हो गया है कि मुरैना के आसमान में ही दोनों लड़ाकू विमान आपस में टकराए यानि मिड-एयर कोलिजन (Mid-Air Collision) का शिकार हुए.
- मुरैना विमान हादसे में एक पायलट की मौत हो गई. मुरैना के एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि आज सुबह 2 विमान मिराज और सुखोई ग्वालियर से उड़े थे, एक विमान में दो पायलट और दूसरे में एक पायलट था. हादसे में अब तक एक पायलट की मौत हो गई है और दो का इलाज जारी है.
- ग्वालियर बेस से इन विमानों को प्रशिक्षण के लिए उड़ाया गया था. दोनों ही विमान रुटीन उड़ान पर थे. फिलहाल एक्सपर्ट्स की तरफ से कहा जा रहा है कि तकनीकी खामी और पायलटों में अनुभव की कमी के कारण यह हादसा हुआ है.
- कुछ चश्मदीदों के मुताबिक आसमान में आग लगते हुए तेज स्पीड से दोनों विमान जमीन की ओर आते देखे गए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अभ्यास के बाद प्लेन अपनी पूरी स्पीड में होते हैं. ऐसे में संभावना होती है कि विंग्स के टकराने से भी बड़ा हादसा हो सकता है क्योंकि स्पीड पर काबू करना मुश्किल हो जाता है.
- हादसे में शामिल सुखोई-30 विमान में 2 पायलट सवार थे, जिन्होंने समय रहते पैराशूट की इस्तेमाल कर जेट से छलांग लगा दी. यही वजह है कि दोनों की जान बच सकी.
- हादसे में शामिल दूसरे विमान मिराज 2000 के पायलट को गंभीर चोटें आई. पहले ही डॉक्टर उनका इलाज कर पाते वे शहीद हो गए .हादसा लगभग सुबह करीब 9:55 बजे हुआ था.
- हादसे के बाद से ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार मामले की सभी जानकारी CDS से ले रहे हैं. सीएम शिवराज ने भी ट्वीट कर हर संभव मदद की बात कही है.
- एक्सपर्ट्स कहा कहना है कि सुखोई ने मिराज को टक्कर मारी हो सकती है. फिर सुखोई के पायलट्स ने अपने विमान को बचाने की कोशिश की होगी. बचा नहीं पाने पर इजेक्ट कर लिया होगा जिससे सुखोई भरतपुर तक पहुंच गया.
- राजस्थान में भरतपुर के डीएसपी अजय शर्मा ने बताया कि उन्हें सुबह 10 से सवा 10 बजे के करीब प्लेन क्रैश होने की सूचना मिली थी. मौके पर आने पर पता चला कि यह एयर फोर्स का फाइटर जेट है.
- दोनों विमानों को एयरफोर्स की ताकत कहा जाता है. ऐसे में दोनों के एक साथ क्रैश होने से हर कोई हैरान है. हालांकि, इसके असल कारणों का पता अब जांच के बाद ही चल सकेगा.