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बाढ़ से तबाही24 जिलों के 600 से ज्यादा गांव चपेट में

वाराणसी
उत्तर प्रदेश में बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण कई नदियां उफान पर हैं और राज्य में 24 जिलों के 600 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। गंगा समेत दूसरी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। वाराणसी, मिर्जापुर समेत यूपी के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है तो कई जगहों पर बाढ़ आ चुकी है। पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ से प्रभावित जालौन और हमीरपुर के सैलाबग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य के निर्देश दिए। वहीं पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोगों का हाल जाना।

हर घंटे 1 सेंटीमीटर बढ़ रहीं गंगा
वाराणसी में गंगा 1 सेंटीमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से बढ़ाव अब भी जारी है। ऐसे में किसी संभावित हादसे को रोकने के लिए अब पुलिस, एनडीआरएफ के साथ आईटीबीपी के जवानों की भी तैनाती की गई है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.12 मीटर तक पहुंच गया है और अभी भी इसमें 1 सेंटीमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से बढ़ोतरी जारी है।गंगा किनारे के सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। बाढ़ का पानी अब घाट के ऊपर सड़क तक पहुंच चुका है। ऐसे में घाट की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर अब पुलिस बल के साथ साथ इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की भी तैनाती की गई है। साल 2013 में 72. 62 मीटर गंगा का जलस्तर दर्ज किया गया था। साल 2016 में 72.58 मीटर गंगा का जलस्तर था। उस दौर में भी स्थानीय पुलिस के अलावा किसी तरह के अन्य सुरक्षाबलों की तैनाती वाराणसी में नहीं की गई थी।

मिर्जापुर में गंगा नदी में बहते हुए मकान का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यहां पर नदी खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर बह रही है। 400 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए है। सम्पर्क मार्ग तक टूट चुके हैं। आवागमन भी बाधित है।75 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इसके अलावा, बांदा के 71 तथा इटावा और जालौन के 67-67 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 110 गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है।

डरा रहा नदियों का विशाल रूप
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यापक वर्षा के कारण गंगा, यमुना, शारदा, बेतवा तथा क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा नदी कचला ब्रिज (बदायूं), फाफामऊ (प्रयागराज), प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर तथा बलिया में खतरे के निशान को पार कर गई है और बलिया को छोड़कर बाकी स्थानों पर इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

यमुना नदी औरैया, जालौन, हमीरपुर, चिल्ला घाट, बांदा तथा नैनी (प्रयागराज) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बेतवा नदी सहिजना (हमीरपुर) में, शारदा नदी पलिया कलां (लखीमपुर खीरी) में और कुआनो नदी चंद्रदीप घाट (गोंडा) में लाल निशान को पार कर गई है।

यूपी में कुल 940 राहत शिविरों की स्थापना की गई है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाने तथा राहत सामग्री पहुंचाने के लिए कुल 1463 नाव का प्रयोग किया जा रहा है। राज्य में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए 1125 चौकियां स्थापित की गई हैं। बाढ़ क्षेत्रों में चिकित्सीय सहायता के लिए कुल 504 मेडिकल टीमें गठित की गई हैं। अब तक 536 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

अगले 24 घंटे का अलर्ट जारी
बाढ़ प्रभावित विभिन्न जिलों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ और पीएसी की कुल 59 टीमें तैनात की गई हैं। इधर अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के पूर्वी हिस्सों में अनेक स्थानों पर तथा पश्चिमी भागों में कुछ जगहों पर वर्षा होने का अनुमान है।

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