जेल तो बनती ही माफिया और अपराधियों के लिए है, लेकिन चित्रकूट की हाई सिक्योरिटी जेल साल 2017 में खास तौर पर डकैतों और बड़े अपराधियों के लिए बनकर तैयार हो गई थी। चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में यहां माफिया, डकैत और उनके खास गुर्गे बंद हैं। ऐसे में जेल के भीतर 9 एमएम इटैलियन पिस्टल सरीखा हथियार पहुंचना सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अधिकारी भी इस पूरे मामले में खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं हैं। उधर, आइजी न्यायिक जांच से ही सच सामने आने की बात कह रहे हैं।
जेल तो बनती ही माफिया और अपराधियों के लिए है, लेकिन चित्रकूट की हाई सिक्योरिटी जेल साल 2017 में खास तौर पर डकैतों और बड़े अपराधियों के लिए बनकर तैयार हो गई थी। चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में यहां माफिया, डकैत और उनके खास गुर्गे बंद हैं। ऐसे में जेल के भीतर 9 एमएम इटैलियन पिस्टल सरीखा हथियार पहुंचना सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अधिकारी भी इस पूरे मामले में खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं हैं। उधर, आइजी न्यायिक जांच से ही सच सामने आने की बात कह रहे हैं।सीसीटीवी कैमरों के व्यवस्था की गई है। बताते हैं कि यहां सुरक्षा जांच के लिए ह्यूमन बॉडी स्कैनर, ड्यूल स्कैनर बैगेज, ड्रोन कैमरा, उच्च क्षमता के हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर आदि की व्यवस्था है। मुलाकात हाल भी अत्याधुनिक संचार प्रणाली से लैस है। ऐसे में सवाल है कि ये चूक हुई कैसे? 30 अप्रैल को डीएम ने किया था जेल का निरीक्षण
हाई सिक्योरिटी बैरक का जायजा लिया था लेकिन कोई अनुचित वस्तु नहीं मिली थी। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि उसके बाद पिस्टल जेल में पहुंची है।
आइजी चित्रकूटधाम परिक्षेत्र के.सत्यनारायण ने सुरक्षा में चूक के सवाल पर कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी। जिलाधिकारी न्यायिक जांच की सिफारिश करेंगे, जिसके बाद सुरक्षा में चूक के संबंध में पता चलेगा। न्यायिक अधिकारी पूरे मामले की जांच करके रिपोर्ट देंगे।