तेजी से फैलती कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इससे निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने जिला स्तर पर स्वास्थ्य ढांचे को तैयार करने का निर्देश दिया। किशोरों के साथ-साथ सोमवार से शुरू हो रहे फ्रंटलाइन वर्कर, स्वास्थ्यकर्मी और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को सतर्कता डोज लगाने के अभियान को मिशन मोड पर पूरा करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों में हालात की समीक्षा के लिए जल्द ही मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के साथ-साथ गृह, स्वास्थ्य, फार्मा व अन्य मंत्रालय के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए टेस्टिंग, वैक्सीन और इलाज के क्षेत्र में लगातार नए वैज्ञानिक शोध की जरूरत बताई। इसके साथ ही जीनोम सीक्वेंसिंग का दायरा बढ़ाने को कहा ताकि नए वैरिएंट की तत्काल पहचान की जा सके।
भूषण ने प्रधानमंत्री को बताया कि कोरोना पैकेज-दो के तहत राज्यों में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया गया है। इसमें टेस्टिंग की क्षमता, आक्सीजन और आइसीयू बिस्तरों की उपलब्धता और जरूरी दवाइयों का स्टाक शामिल है।
उन्होंने इसके बारे में राज्यवार विस्तृत ब्योरा भी पेश किया। इस पर प्रधानमंत्री ने जिला स्तर पर स्वास्थ्य ढांचे को तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार करने और इसमें राज्यों की मदद करने का निर्देश दिया।
पिछले दो साल से चल रही कोरोना महामारी के बीच सामान्य बीमारियों के इलाज पर ध्यान देने की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए पर्याप्त बंदोबस्त होना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में मदद करने के लिए टेलीमेडिसीन का इस्तेमाल करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से इन इलाके के लोगों को आसानी से बेतहर मदद पहुंचाई जा सकती है।