![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2024/07/SANTOSH.jpeg)
![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2024/01/WhatsApp-Image-2024-03-15-at-12.05.51-PM.jpeg)
बिलासपुर। बिलासपुर में हाथ में लगे रॉड का ऑपरेशन कराने आए युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। मरीज को ऑपरेशन थिएटर में रखा गया था, तभी उसने दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया । परिजनों का आरोप है कि, डॉक्टरों ने मरीज को एनेस्थीसिया का हाई डोज दिया है जिससे उसकी मौत हो है। सिविल लाइन थाना क्षेत्र की घटना है। दरअसल,खमरिहया निवासी प्रवेश कुमार कौशिक (27) का दो साल पहले एक्सीडेंट हुआ था।
![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2024-01-04-at-5.19.19-PM.jpeg)
![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2024/02/WhatsApp-Image-2024-02-22-at-4.41.45-PM.jpeg)
जिससे उसके बाएं हाथ की कोहनी में चोट लगी थी । इस पर मंगला चौक स्थित बिलासपुर हॉस्पिटल में उसका इलाज चला था। इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसके हाथ का ऑपरेशन करके रॉड लगाया था। जिसे बाद में निकलवाने की सलाह भी दी थी। परिजनों के अनुसार दो साल पहले हुए ऑपरेशन के दौरान डॉ. गोपेंद्र दीक्षित ने उसके हाथ का ऑपरेशन करके रॉड लगाया था। इलाज के बाद उन्होंने रॉड निकालने की बात कही थी। दो साल बाद युवक अपने परिजन के साथ हाथ में लगे रॉड निकलवाने के लिए बिलासपुर हॉस्पिटल गए थे।
गुरुवार को जांच के बाद शुक्रवार को उसका ऑपरेशन होना था। करीब शाम 4 बजे उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। ऑपरेशन थिएटर लेकर जाने के कुछ देर बाद उसके चीखने-चिल्लाने की आवाज आई, जिसे सुनकर परिजन ऑपरेशन थिएटर के बाहर पहुंच गए। महज पांच मिनट के भीतर डॉक्टर बाहर निकला और परिजनों को बताया कि उसकी मौत हो गई है। माले में मृतक के परिजनों ने हॉस्पिटल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2023/11/WhatsApp-Image-2024-03-18-at-1.37.36-PM.jpeg)