जांजगीर पांच दिन, चार रातें बोर के जलस्तर में वृद्धि, गड्ढा खोदने से लेकर टनल बनाने तक पग-पग पर बड़ी-बड़ी चट्टान, इन सभी बाधाओं को दूर करते हुए रेस्क्यू टीम ने आखिर राहुल को 104 घंटे 56 मिनट तक चले आपरेशन के बाद बाहर निकालने में कामयाबी हासिल कर ली है। बालक के बाहर निकलते ही उसे अपोलो अस्पताल बिलासपुर ले जाया गया। शुक्रवार 10 जून को मालखरौदा ब्लाक के ग्राम पिहरीद निवासी रामकुमार उर्फ लालाराम साहू का 10 वर्षीय बालक राहुल अचानक बाड़ी के बोर में दोपहर लगभग दो बजे गिर गया।
खोजबीन करने पर बोर से उसकी आवाज आई। इसकी सूचना ग्रामीणों को दी गई और इसके बाद पुलिस व प्रशासन तक सूचना पहुंची। शाम पांच बजे से राहुल को बचाने आपरेशन शुरू हुआ। रात 11:56 बजे राहुल को सुरंग के माध्यम से बोर से निकाला गया। इन पांच दिनों में बालक ने गजब के साहस का परिचय दिया।अंधेरा, कीचड़ व नमी युक्त वातावरण में उसने केला खाकर व फ्रूटी पीकर 12 इंच के संकरे बोर में अपना समय काटा। सुनने और बोलने में अक्षम व मानसिक रूप से कमजोर इस बालक ने जो हौसला दिखाया वह सबके बस की बात नहीं है।
इसी इच्छाशक्ति ने उसे सुरक्षित रखा और रेस्क्यू टीम ने उसे बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की।राहुल में जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान जी जान से जुटे रहे। जवानों ने बारी -बारी से टनल बनाने व राहुल तक पहुंचने के लिए दिन रात एक कर दिया। सबने कड़ी मेहनत की।ग्रामीणों की भी भूमिका रही।
यथा संभव प्रशासन मदद की। पहले दिन से ही गड्ढा खोदाई शुरू हो गई। दूसरे और तीसरे दिन भी गड्ढा खोदने का काम चला। सोमवार को सुरंग बनाने का काम हुआ जो मंगलवार सुबह तक चला।दोपहर को चार फीट ऊपर बोर की ओर पत्थर काटने का काम किया गया.
आपरेशन राहुल के दौरान कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल की भूमिका अहम रही। लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, अधिकारियों के फोन में उन्हें हालचाल अवगत कराने के साथ-साथ आपरेशन राहुल के संचालन में आवश्यक मशीनों को मंगाने व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। पांच दिनों तक वे घटनास्थल से हटे नहीं।
कैंप में ही कुछ पल आराम करने के बाद फिर वे काम में लग जाते थे। टीम के लोगों को दिशा-निर्देश देना, विशेषज्ञों से चर्चा कर आपरेशन को आगे बढ़ाने में इन्होंने खूब मेहनत की। इस दौरान तेज धूप और 45 डिग्री तापमान के चलते एसपी विजय अग्रवाल की तबीयत भी बिगड़ गई, लेकिन उन्होंने मोर्चा संभाले रखा। लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने पुलिसकर्मियों को निर्देश देते रहे।