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क्रीमिया ब्रिज पर हमला से कटी रूसी सेना की सप्लाई लाइन

19 किलोमीटर लंबा क्रीमिया ब्रिज समंदर के पानी महाशक्ति रूस की ताकत और पुतिन की महात्वाकांक्षा का एहसास कराता है. ब्लैक सी और अजोव सी को जोड़ने वाले क्रीमिया ब्रिज को रूस की आर्थिक गतिविधियों का एक अहम धमनी (artery) कहा जाता है. क्रीमिया को ईंधन, भोजनऔर अन्य उत्पादों की सप्लाई के लिए ये पुल महत्वपूर्ण है.

क्रीमिया के सेवस्तोपोल में ही रूस के ब्लैक सी फ्लीट का बेस है. पुल के सैन्य महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले के बाद इसी पुल के जरिए रूस क्रीमिया अपने सैन्य बलों को भेज रहा है. क्रीमिया से ही रूस दक्षिणी यूक्रेन के खेरासन और जेपोरीजिया पर आसानी से कब्जा कर पा रहा है. ये ब्रिज रूस के टेलिकम्यूनिकेशन संपर्क बनाने के लिए भी एक अहम जरिया है.

इस ब्रिज पर एक भयानक ब्लास्ट हुआ. इस धमाके से पुल को व्यापक नुकसान हुआ. इस ब्लास्ट से पुल पर बना रेल लाइन जल गया और रोड लाइन तहस-नहस हो गया. इस ब्रिज से गुजर रहे कार्गो ट्रेन से निकल रही आग की लपटें मीडिया की सुर्खियां बन रही है और इन तस्वीरों ने पुतिन की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का पहुंचाया.

कर्च स्ट्रेट (kerch strait) पर बना 19 किलोमीटर लंबा ये ब्रिज इंजीनियरनिंग का शानदार नमूना है. पुतिन साल 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करते हुए उसे रूस में मला लिया. अब पुतिन के सामने क्रीमियाई मैनलैंड को रूस से जोड़ने की चुनौती थी. क्योंकि क्रीमिया और रूस के बीच कोई डायरेक्ट लिंक नहीं था. बता दें कि क्रीमिया और रूस के बीच में ब्लैक सी और अजोव सी है.

2016 में पुतिन ने सैन्य महत्व के इस ऐतिहासिक ब्रिज को बनाने का आदेश दिया. राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध स्तर पर करवाया और पैसे को पानी की बहाया. इस पुल को बनाने में 3.7 बिलियन डॉलर खर्च हुए. भारतीय रुपयों में देखें तो इस पुल की लागत 3 खरब 03 अरब रुपये आती है. 2018 में जब ये आइकोनिक ब्रिज तैयार हुआ तो दुनिया दंग रह गई. ऐसा लग रहा था समंदर के बीच में किसी ने लकीर खींच दी है. पुतिन ने स्वयं ट्रक चलाकर बड़े जोशो-खरोश से इस ब्रिज का उद्घाटन किया और रोड सेक्शन को लोगों के लिए खोला.

ये यूरोप का सबसे लंबा ब्रिज और रूस द्वारा बनवाया गयासबसे बड़ा ब्रिज है. इस पुल पर सड़क और रेल मार्ग दोनों की व्यवस्था है. इस ब्रिज के ऊपर ट्रक और ट्रेनें चलती है और नीचे पुल के पिलरों के बीच से होकर जहाज गुजरते हैं. पुतिन ने इस पुल के निर्माण का अपने जूडो पार्टनर की कंपनी को दिया था.

इस पुल पर एक ट्रक के जरिये हमला किया गया. रूस का कहना है कि ट्रक में विस्फोटक था. उन्होंने इस हमले को आतंकी कार्रवाई कहा है ये हमला तुजला आईलैंड और कर्च के बीच हुआ है. पुतिन ने कहा है कि “यह स्पष्ट है कि यूक्रेनी सीक्रेट सर्विस ने पुल पर आतंकवादी हमले का आदेश दिया, संगठित किया और उसे अंजाम दिया”. यूक्रेन ने पुल पर हुए इस विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन इसका जश्न मनाया है.
ट्रक में जैसे ही ब्लास्ट हुआ रेलवे लाइन पर खड़ा एक ट्रेन इसकी चपेट में आ गया.

इस कार्गो ट्रेन में कच्चा तेल रखा हुआ था. इस वजह से ट्रेन में भयानक आग लग गई. बीच समंदर में आग की भयानक लपटें एक घंटे तक जलती रहीं. इस आग की वजह से पुल की पूरी वायरिंग खाक हो गई. कई स्थानों से क्रंकीट स्टील से अलग होकर समंदर में गिर गया. आग बुझाने के लिए रूसी सेना को हेलिकॉप्टर का सहारा लेना पड़ा. पुल पर मौजूद फ्यूल टैंकर को हटाया जा रहा है, अब देखना ये है कि स्टील के गार्डर ट्रेनों का बोझ सह पाते हैं या नहीं. संभव है कि ट्रेनों को इस रूट से धीरे गुजरने कहा जाए और ट्रेन के डब्बों को पूरा न भरा जाए.

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