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सरकारी डॉक्टर,घायल के परिजनों को बोला-मेरी पसंद के हॉस्पिटल में ले जाओ,नहीं माने तो एंबुलेंस चालक के खिलाफ करा दी FIR

मुंगेली जिले में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर का अजीब कारनामा सामने आया है। पहले तो उसने घायल को रेफर करने से मना कर दिया था। फिर परिजनों को कह दिया कि यदि ले जाना है तो मेरी पसंद के अस्पताल में ले जाओ। बाद में जब परिजनों ने उसकी बात नहीं सुनी तो उसने एंबुलेंस चालक और उसके साथी के खिलाफ ही FIR दर्ज करा दी है। मामला जिले के लोरमी सरकारी अस्पताल का है।

बताया जा रहा है कि 19 फरवरी को जोगीपुर में रहने वाला कामता नवरंग नाम का युवक सड़क हादसे में घायल हो गया था। वो अपनी ही बाइक से गिर कर घायल हुआ था। जिसके बाद उसके परिजन उसे सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए लेकर गए थे। यहां लाने के बाद भी कई घंटे तक उसका इलाज ठीक से नहीं हुआ। इसी वजह से परिजनों ने तय किया था वह कामता को किसी निजी अस्पताल में ले जाएंगे।

परिजनों ने वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर रुपेश साहू से बात की। तब रुपेश ने उन्हें ये कह दिया कि रेफर नहींं किया जा सकता। करना है तो आप मेरी पसंद के अस्पताल में ले जाएं। ये आरोप घायल के परिजनों ने लगाया है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर का कहना था कि जब आप मरीज को मेरे पसंद के प्रथम अस्पताल में ले जाएंगे, तब ही मैं आपको रेफरल लेटर दूंगा। इसके बाद परिजन घायल को किसी तरह से वहां से लेकर बिलासपुर के निजी अस्पताल में ले गए। इसके लिए उन्होंने एंबुलेंस चालक वैभव शर्मा औऱ अजय कुमार टंडन से संपर्क किया था। वैभव के ही एंबुलेंस में परिजन घायल को अस्पताल लेकर गए थे। जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

डॉक्टर पर मरीजों से दुर्व्यवहार करने और उनसे मनमानी करने के आरोप लगते रहे हैं। इसके बावजूद आज तक डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा यह भी बात सामने आई है कि ये पूरा विवाद कमीशन से जुड़ा है।

बताया जाता है कि यहां से रेफर करने वाले मरीजों के परिजनों पर डॉक्टर अपने पसंद के अस्पताल में ले जाने का दबाव बनाते हैं। इसके बदले उन्हें संबंधित अस्पताल से कमीशन मिलता है। वहीं अस्पताल के बाहर खड़े एंबुलेंस चालक भी कुछ इसी तरह का खेल करते हैं। जिसकी वजह से भी यह विवाद खड़ा हुआ है।लेकिन इस मामले को लेकर बीएमओ डॉ. जीएस दाऊ ने कहा कि मेरे पास आपातकालीन ड्यूटी में तैनात डॉ. रुपेश साहू ने लिखित शिकायत की थी।

शिकायत मेंं बताया गया था कि घायल को बिना प्राथमिक उपचार और बिना डॉक्टर के सलाह के एंबुलेंस चालक घायल को जबरदस्ती दूसरे अस्पताल में लेकर गया है। जिसके आधार पर हमने शिकायत की है। मेरे पास डॉक्टर के अलावा परिजनों और एंबुलेंस चालक की शिकायत नहीं आई है।

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