जिला मुख्यालय में एक किशोर के साथ तत्कालीन सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा मारपीट किए जाने का वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री द्वारा तत्काल कलेक्टर को हटा दिए जाने के बाद अब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने सूरजपुर के एसपी को आइएएस रणबीर सिंह के खिलाफ 48 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज कर सूचित करने को कहा है। आयोग ने मुख्य सचिव को भी सात दिवस के भीतर आइएएस शर्मा के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर सूचित करने को कहा है।
आयोग की ओर से रजिस्ट्रार अनु चौधरी ने सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा को भेजे गए पत्र में कहा है कि सूरजपुर में कलेक्टर के रूप में पदस्थ रहे आइएएस रणबीर शर्मा के खिलाफ उन्हें शिकायत मिली है कि 22 मई को एक 13 वर्ष के किशोर के साथ उन्होंने तब मारपीट की। जब वह लाकडाउन के दौरान दवा लेने के लिए जा रहा था। आरोप है कि किशोर ने बाहर निकलने का कारण बताना चाहा, लेकिन शर्मा ने सार्वजनिक स्थल पर उसे थप्पड़ जड़ दिया। इतना ही नहीं उन्होंने पुलिस को किशोर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का भी निर्देश दिया। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने पत्र में उल्लेखित किया है कि घटना किशोर के साथ शारीरिक और मानसिक दुर्व्यवहार व प्रताड़ना की श्रेणी में आती है। यह कृत्य किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अलावा आईपीसी के सेक्शन 166, 323, 325, 352, 355 और 506 के तहत दंडनीय अपराध है। आयोग ने पुलिस अधीक्षक से कहा है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की तत्काल जांच शुरू की जाए और अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 48 घंटे के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए। बाल संरक्षण आयोग के चेयर पर्सन प्रियंक कानूनगो ने इसी मुद्दे पर राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और आइएएस के खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए निर्देश देने और शासकीय सेवा में निर्धारित प्रावधान के अनुरूप गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और जुविनाइल जस्टिस एक्ट के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई कर सात दिन के भीतर सूचित करने कहा है।