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आज सावन सोमवार, प्रदोष व्रत और कल सावन शिवरात्रि का पर्व

सावन महीने के दूसरे सोमवार के दिन विधि विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह के ग्रह दोष और कष्टों से मुक्ति मिलती है और साथ में सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक और शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है। सावन सोमवार के दिन कुछ उपाय बहुत ही उपयोगी होते हैं।

1-जीवन में सुखी और धन वृद्धि  के लिए सावन सोमवार के पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
2-नौकरी और कारोबार में लाभ के लिए सोमवार के दिन भोलेनाथ को केसर मिश्रित खीर का भोग लगाएं।
3-आरोग्यता के लिए सावन सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
4-जीवन में सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति के लिए भोलेनाथ को भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है।

सावन के महीने में भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की मनोकामनाओं का पूरी करते हैं। भगवान भोलभंडारी को मात्र एक लोटा जल चढ़ाने से प्रसन्न किया जा सकता है। शास्त्र के अनुसार सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, चंदन,अक्षत,शमीपत्र आदि अनेक शुभ वस्तुएं चढ़ाने से शंकर भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं, वहीं कुछ चीजें शिवजी की पूजा में वर्जित बताई गई हैं जिनका उपयोग शिव आराधना के दौरान बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

1-केतकी के पुष्प
2-तुलसी दल
3-शिवलिंग पर  ना चढ़ाएं हल्दी
4-शंखजल
5-कुमकुम या सिंदूर
6-टूटे हुए चावल

दूसरे सोमवार के दिन बहुत ही अच्छा शुभ योग बना है। आज सावन सोमवार के साथ प्रदोष व्रत भी है और कल यानी 26 जुलाई को सावन मासिक शिवरात्रि का त्योहार भी है। हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है और खासतौर पर सावन महीने की शिवरात्रि का तो और भी। सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी तरह की मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।

सावन का महीना भगवान शिव की आराधना करने के लिए सबसे शुभ और कल्याणकारी महीना माना गया है। इस पूरे माह में शिव की उपासना और मंत्रोचार करने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। सावन के महीने में ओम नम:शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के बहुत से फायदे होते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव की स्तुति, साधना, जप ,तप और उन्हें प्रसन्न करने के अलावा गंभीर बीमारियों से निजात पाने, अकाल मृत्यु के डर से मुक्ति पाने में बहुत ही कारगर मंत्र माना जाता है। बीमारी, दुर्घटना, मांगलिक दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, अनिष्ट ग्रहों के प्रभावों से दूर करने और आयु बढ़ाने के लिए महामृत्युंजय मंत्र जप करने का विधान है। हिंदू धर्म में वर्णित सभी मंत्रों में इस मंत्र का विशेष स्थान होता है। ऐसी मान्यता है इस मंत्र के जाप करने से व्यक्ति मृत्यु के करीब पहुंचकर भी मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकता है। महामृत्युंजय मंत्र में खासतौर पर भगवान शिव की स्तुति की जाती है। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला विशेष मंत्र है। ये मंत्र ऋग्वेद और यजुर्वेद में भगवान शिव की स्तुति में लिखा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिव्य मंत्र को सबसे पहले ऋषि मार्कंडेय ने जाप किया था।

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