कोरोना काल में उत्तराखंड में एक और प्राकृतिक आपदा ने लोगों को मुसीबत में डाल दिया है. शुक्रवार को चमोली जिले के सुमना इलाके में हिम्सखलन में सैकड़ों लोग फंस गए, जिन्हें बचाने के लिये सेना दिन रात लगी हुई है. सेना के मुताबिक़ अब तक 384 लोगों को बचाया और उन्हें सुरक्षित जगह पर ले जाया गया, जिनमें 6 लोग गंभीर है. जबकि 8 शव अब तक बरामद हुए. दरअसल पिछले 5 दिन से लगातार बर्फबारी और बारिश के चलते सुमना के पास शुक्रवार को शाम क़रीब 4 बजे सुमना रिमखिम रोड से 4 किलोमीट आगे हिम्सखलन आ गया, जिसमें बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन का एक कार्यालय और दो लेबर कैंप उसकी चपेट में आ आ गए.
- चूंकि सेना के कैंप प्रभावित क्षेत्र से 3 किलोमीटर की दूरी पर था तो राहत बचाव का काम जल्द शुरू कर दिया गया, लेकिन बारिश और ख़राब मौसम के चलते लगातार बचाव कार्य में बाधा आती रही बावजूद उसके सेना लगातार डटी रही. रात भर चलाए गए ऑप्रेशन में पहले बीआरओ कैंप में फंसे जीआरईएफ के 150 कर्मचारियों और मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. दोनों कैंप में लगातार राहत बचाव का काम जारी है. ताकि जल्द से जल्द सबको सुरक्षित बारह निकाला जा सके. सभी बचाए गए लोगों को सेना के कैंप में रखा गया है. चूंकी कोरोना की महामारी है. लिहाजा सेना भी पूरे प्रोटोकॉल के तहत ही कार्रवाही में जुटी है.