जशपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देर रात संसदीय सचिव और कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान हंगामा हो गया। आरोप है कि निरीक्षण में शामिल टीम के सदस्यों ने डॉक्टरों से मारपीट की। विरोध में देर रात ही दो डॉक्टरों ने अपना इस्तीफा भी BMO को सौंप दिया है। इसके बाद सुबह अस्पताल के सभी डॉक्टर और स्टाफ हड़ताल पर चले गए हैं। कलेक्टर ने मामले की जांच को लेकर ADM के नेतृत्व में टीम का गठन किया है।
जानकारी के मुताबिक, दुलदुला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार आधी रात के बाद कलेक्टर रितेश अग्रवाल और संसदीय सचिव यूडी मिंज के साथ एक टीम निरीक्षण के लिए पहुंची थी। जांच के बाद टीम लौटने लगी, तभी काले रंग की शर्ट पहने एक युवक दौड़ता हुआ आया और डॉक्टर को पीछे से मारता है। पूरी घटना भी CCTV में कैद हुई है। इस मारपीट के बाद डॉ. महेश्वर माणिक और डॉ. नीतीश सोनवानी ने देर रात ही अपना इस्तीफा दे दिया।
डॉक्टरों ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि कलेक्टर और संसदीय सचिव रात करीब 12 बजे अस्पताल निरीक्षण के लिए आए थे। निरीक्षण टीम के कुछ लोग नशे में धुत्त थे। उन्होंने मारपीट और धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया। इस घटना से अपमानित होकर त्यागपत्र दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि घटना से पहले ही संसदीय सचिव और कलेक्टर निरीक्षण कर जा चुके थे। हालांकि टीम के कुछ लोगों के अस्पताल में रुकने की भी बात कही जा रही है।
घटना का वीडियो भी डॉक्टरों ने वायरल किया है। इसके बाद सुबह सभी अस्पताल के सभी कर्मचारी और डॉक्टर दुलदुला थाने पहुंच गए हैं। वहां मारपीट करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक कार्रवाई नहीं होगी, वह काम पर नहीं लौंटेगे। फिलहाल अस्पताल में मरीज भी इसके चलते परेशान हो रहे हैं। विरोध के चलते अस्पताल में सुबह ओपीडी भी नहीं हो सकी है।विवाद को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अराजकता है। एक संसदीय सचिव और कलेक्टर के मौजूदगी में जनसेवक डॉक्टरों को आधी रात को दारूबाज पीटते हैं। अब तक इस मामले में कार्रवाई भी नहीं की गई है। जब वीडियो फुटेज गवाह है तो किस बात का समय गंवा रहे हैं ।
कांग्रेस विधायक भी डॉक्टरों के समर्थन में हैं। बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि कलेक्टर पर लगे आरोप बहुत गंभीर हैं। शराब के नशे में मारपीट और गाली गलौज बहुत बड़ी बात है। इसकी जांच होनी चाहिए और कार्यवाही भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर सेवा भाव से कार्य करते हैं। सभी का मनोबल इस घटना से टूटेगा। कहा कि इसकी शिकायत वे मुख्यमंत्री से जरूर करेंगे। ऐसे कृत्यों की निंदा करते हैं।
इस मामले में कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने 4 सदस्यीय एक जांच टीम गठित कर दी है। इसमें अपर जिला मजिस्ट्रेट आईएल ठाकुर को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रंजीत टोप्पो, संयुक्त कलेक्टर योगेन्द्र श्रीवास और अस्पताल अधीक्षक आरएन केरकेट्टा को सदस्य बनाया गया है। यह समिति अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को प्रस्तुत करेगी।