ताज़ा खबर
Home / Chhattisgarh / सिंहदेव बाबा के सबसे बड़ी हार, उनके समर्थक प्रत्याशी भी सभी सीट हारे

सिंहदेव बाबा के सबसे बड़ी हार, उनके समर्थक प्रत्याशी भी सभी सीट हारे

छत्तीसगढ़। अपने सुदिर्घ राजनीतिक जीवन में आज तक पराजय का मुंह नहीं देखने वाले टी एस सिंहदेव बाबा इस चुनाव में अपनी नैया पार नहीं करा पाए। बाबा ने सरगुजा रीजन के जिन 14 सीटों पर अपनी पसंद के प्रत्याशी उतारे थे, उनमें से भी कोई जीत न सका। सिंहदेव के लिए यह पराजय उनके जीवन की सबसे बड़ी राजनीतिक असफलता है।

कांग्रेस पार्टी के सौम्य, उच्च शिक्षित, अनुदार चेहरे के रूप में लोकप्रिय टी.एस बाबा स्वयं को खुले तौर पर मुख्यमंत्री का दावेदार बता रहे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि यह चुनाव उनके जीवन का आखिरी चुनाव है लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और बाबा चुनाव में कुछ सौ वोटो से असफल हो गए।कहना लाजमी होगा, यदि महाभारत काल में अगर चुनाव होता तो शायद भीष्म पितामह भी चुनाव हार जाए रहते। छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस के भीष्म पितामह टी एस बाबा की कुछ ऐसी ही स्थिति रही।

वो उम्र में पितामह का प्रतीक नहीं, बल्कि सियासी मजबूरी व पार्टी धर्म के चलते भीष्म पितामह कहे जा रहे थे।  2018 में उनके चेहरे में कांग्रेस ने चुनाव लड़ा और अपार जनसमर्थन पाया था। ढाई ढाई साल के कथित फार्मूले पर पार्टी निष्ठा भी दिखाई। परन्तु याद रखा जाना चाहिए, पद मे आने के बाद नेता यह भूल जाते है कि उनकी प्रतिबद्धता पार्टी या पद नहीं; अपितु आम नागरिको के लिए होनी चाहिए। सर्वप्रथम उन मतदाताओं के प्रति कृतज्ञता का भाव जरूरी है, जिन्होंने उस नेता पर भरोसा कर जीत दिलाई ।

पार्टी के प्रति आस्था के नाम पर आमजनो की भावनाओ का कदर न करने पर लोकतंत्र में जनता इसी तरह  बदला लेती है। किसी भी पार्टी के नेता को यह समझना चाहिए कि वोट मतपत्र पर छपे प्रत्याशी के फोटो को दिया जा रहा है। या उसके बगल में पार्टी के चिन्ह को।

बहरहाल तमाम अटकलों, कायसो को दरकिनार करते हुए छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी बहुमत से सरकार बना रही है। कांग्रेस की भूपेश सरकार दोबारा आने में मुकम्मल नहीं हो सकी । छत्तीसगढ़ की जनता ने उस स्थिति में भूपेश के कांग्रेस सरकार को नकारा है, जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनता को बड़ी मात्रा में राहत देने का घोषणा चुनाव में किया था । गांव के किसानों ने कर्ज माफी को धता बताते हुए भाजपा को चुना । भूपेश मंत्रिमंडल में शामिल अधिकांश बड़े चेहरे को जनता ने खारिज कर दिया यह भारतीय लोकतंत्र का उदात्त चेहरा है। जनता ने फिर बता दिया कि जनतंत्र में जनता से बढ़कर कोई नहीं। जनादेश सर्वोपरि है।

About jagatadmin

Check Also

स्टंट करना कपल को पड़ा भारी, एसपी की गाड़ी को देख दोनों भागने लगे

जशपुर : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के एसपी शशि मोहन सिंह ने सड़क पर बाइक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *