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पाकिस्तान की एक आतंक रोधी अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को दो मामलों में कुल 31 साल कारावास की सजा सुनाई है।
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अदालत ने सईद की सभी संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश भी दिया है। सईद का जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है जो 2008 के मुंबई हमलों का जिम्मेदार है, जिसमें कुल 166 लोग मारे गए थे।
फरवरी 2020 में हाफिज सईद को आतंकी वित्तपोषण (टेरर फंडिंग) मामले में अदालत ने दोषी करार दिया था। पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत (एटीसी) ने दो अलग-अलग मामलों में हाफिज सईद को साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा कोर्ट ने दोनों मामलों में सईद पर 15 हजार पाकिस्तानी रुपया का जुर्माना भी लगाया था।
माना जा रहा है कि कोर्ट ने हाफिज सईद के खिलाफ यह फैसला ऐसे समय में सुनाया है, जब पाकिस्तान पर एफएटीएफ की काली सूची में शामिल होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर पाक को एफएटीएफ की काली सूची में शामिल कर लिया जाता है तो उसकी डूब रही अर्थव्यवस्था पर यह कड़ा प्रहार होगा।
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