



भिलाई: पार्श्वनाथ धाम रिसाली में पालकी में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया गया। भक्तों ने जयकारे के साथ अष्ठधातू की प्रतिमा को लेकर प्रवेश किया। इसके बाद मोक्ष कल्याणक पूजन के साथ भगवान अंर्तध्यान हो गए और अग्निकुमार प्रकठ हुए। परम पूज्य आचार्य विशुद्ध सागर महाराज जी ने भगवान के मोक्ष कल्याणक पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए सभी अपने जीवन को संयंम साधना और धैर्य के साथ संस्कार वान आत्मसात करें।
मोक्ष के मार्ग में आप भी कदम बढ़ाए। आप जितना जोड़ रहे हैं वह उससे ज्यादा छोड़कर जाओगे। क्योंकि आपके जोड़े हुए धन का संचित उपयोग जीवन में कर पाते हो। प्रवचनों के बाद विश्वशांति महायज्ञ सैकड़ों भक्तों ने किया।
अमृत वचनों में पार्श्वनाथ धाम के प्रभात छाया जैन एवं पार्श्वनाथ धाम समिति के सभी सदस्य, कारसेवकों और इस मंदिर में अपना श्रमदान देने वाले सभी धर्मप्रेमी बंधुओं भाइयों को अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि आप सभी सात्विकता के साथ अपना जीवन जीते हुए आने वाले युवा पीड़ी को जिनवानी का रस पान ग्रहण करते हुए संस्कार वान बनाएं और धर्म के मार्ग पर चलें।
विशुद्ध सागर महाराज की ससंघ सानिध्य व आशीर्वाद से पार्श्वनाथ धाम में ताम्र की चौबिसी एवं श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ भगवान की भव्य पाषाण की प्रतिमा में सूर्य मंत्रोंच्चार के साथ समस्त प्रतिमाओं का प्रतिष्ठापन किया गया।
वचनों में भक्तों ने मुनिसुव्रत भगवान के महामस्तकाभिषेक सैकड़ों भक्तों के मध्य अहिंसा परमोधर्म की जयकारा के साथ किया और मंदिर में कलश की स्थापना की गई। जहां सभी इंद्र-इ्ंद्राणियों ने भक्तिभाव के साथ धार्मिक उल्लास के साथ पूजन नृत्य करते हुए आशीर्वाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर सानिध्य में मंदिर स्थापना के लिए भूमिपूजन किया गया। सजल जैन, प्रभात जैन, अरविंद जैन, राकेश जैन, राजेश जैन आदि ने भूमिपूजन किया। इसके बाद आचार्य का ससंघ सभी को मंगल आशीर्वाद देने के साथ रिसाली पार्श्वनाथ मंदिर के लिए विहार हुआ।