दुर्ग कोरोना का संकट गहराता जा रहा है। दिसंबर महीने में कोरोना से हुई पहली मौत के बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया है। निकाय चुनाव के दौरान पिछले 22 नवंबर से अब तक एक भी कोरोना से मौत नहीं हुई थी। इससे पहले 21 नवंबर को कोरोना से एक मौत हुई थी। जिला प्रशासन का कहना है कि दुर्ग जिले में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्राॅन का अभी एक भी मरीज नहीं मिला है। कोविड संक्रमण रोकने के लिए उनके द्वारा पूरे उपाय किए जा रहे हैं।
कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम हर घर दस्तक अभियान चलाकर कोविड वैक्सीनेशन कर रही है। इसके साथ ही हाट बाजार और धान संग्रहण केंद्र में वैक्सीनेशन किया जा रहा है। कोरोना से हुई मौत को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। बाहर से आने वाले सभी लोगों पर पूरी निगरानी रखी जा रही है। विदेश से आए लोगों का कोविड टेस्ट कराने के साथ ही उन्हें होम क्वारैंटाइन किया जा रहा है।
निकाय चुनाव के दौरान भी मास्क को अनिवार्य करने के साथ ही सेनिटाइजर व दूसरे उपाय किए गए हैं।जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भले ही कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पूरे एहतिहात बरत रहे हों। वैक्सीनेशन को बढ़ाया हो, लेकिन उनके द्वारा कोरोना टेस्ट पर जमकर लापरवाही बरती गई है। निकाय चुनाव के पहले जहां रोजाना 2000 से अधिक टेस्ट किए जा रहे थे। वह निकाय चुनाव के दौरान महज 1300 से 1400 में सिमट गया है। इतनी कम संख्या में टेस्ट होने के बाद रोजाना 3-4 कोरोना संक्रमित मिलना जिले के लिए अच्छे संकेत नहीं है।
जिले के सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि ठंड बढ़ने से लोगों में सर्दी खांसी और बुखार की समस्या अधिक देखने को मिल रही है। ऐसे में सबसे अधिक जरूरी है कि इस बीमारी को वायरल समझ कर हल्के में न लें।
सबसे पहले कोविड नियमों का पालन करके खुद को सर्दी से बचाएं। यदि सर्दी खांसी व बुखार आदि के लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और कोविड टेस्ट कराएं। इस दौरान उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन कराने और वैक्सीनेशन करा चुके लोगों को भी कोविड नियमों का पालन करने की सलाह दी।