


लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मंगलवार की शाम को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक बहुमंजिला आवासीय इमारत अचानक भरभरा कर ढह गई और उसके मलबे में कई लोग दब गए. राहत की बात यह है कि इस इमारत से अब तक 14 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और तीन-चार लोगों के अभी और दबे होने की संभावना है, जिसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.


इस भयंकर हादसे में अब तक एक भी मौत की सूचना नहीं है. यह हादसा इतना भयंकर था कि लखनऊ में बिल्डिंग गिरने की यह घटना जिसने भी देखी, वह सहम गया.
बिल्डिंग में मौजूद इलेक्ट्रीशियन इरफान ने बिल्डिंग गिरने के उस दर्दनाक मंजर की दास्तां सुनाई है. इरफान के मुताबिक, वह काफी दर्दनाक और भयावह मंजर था. इरफान के मुताबिक, जब बिल्डिंग गिरी तो वह अपने सहयोगी के साथ ग्राउंड फ्लोर पर ही काम कर रहे थे.
वह भी इमारत गिरने के बाद मलबे में दब गए. इरफान तो सकुशल बाहर निकल गए, मगर उनकी स्कूटी अब भी मलबे में दबी हुई है. दूसरी मंजिर पर रहने वाली एक टीचर ने उन्हें बिजली के काम की मरम्मत के लिए बुलाया था. इरफान और उनके सहयोगी अंशु को सिर और कमर में चोट आई है. इरफान इकलौते इस घटना के चश्मदीद हैं, जो बोलने की स्थिति में हैं.
हादसे में से अब तक कुल 14 लोगों को बाहर निकला लिया गया है. प्रशासन की मानें तो 3 से 4 लोग अभी और दबे रह सकते हैं. बताया जा रहा है कि एक-दो शख्स अभी मलबे के नीचे से आवाज भी लगा रहे हैं. यही वजह है कि फिलहाल जेसीबी मशीन के जरिए रेस्क्यू ना करके कट्टर के जरिए एनडीआरएफ की टीम मलबे को काटकर हटा रही है.
बीती रात डॉक्टरों की टीम ने मलबे के नीचे ऑक्सीजन पहुंचाया था, क्योंकि जो लोग नीचे मलबे में फंसे होंगे, उन्हें सांस लेने में दिक्कत ना हो. अब तक इस हादसे में एक भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है.