पश्चिमी देशों के गठबंधन- उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने सोमवार को एलान किया कि वह पूर्वी यूरोप की सीमाओं पर बड़ी संख्या में फाइटर जेट्स और युद्धपोत तैनात कर रहा है। इसके साथ ही वह रूस =से लगती सीमाओं पर अतिरिक्त सैन्यबलों को भी स्टैंडबाई पर रख रहा है।
नाटो की ओर से यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब रूस लगातार अपनी तरफ से लगने वाली यूक्रेन सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर रहा है। हालिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि रूस अब तक कम से कम एक लाख सैनिक यूक्रेन सीमा पर भेज चुका है। रूसी टुकड़ियां यहां युद्धाभ्यास में भी जुटी हैं।
गौरतलब है कि नाटो यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 30 देशों का संगठन है। इसमें फ्रांस, बेल्जियम, लक्जम्बर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैंड, इटली, नॉर्वे, पुर्तगाल, जर्मनी, अमेरिका और तुर्की जैसे देश शामिल हैं। नाटो का गठन ही रूस के बड़े खतरे को देखते हुए किया गया था। इस संधि के तहत गठबंधन के किसी भी देश पर हमला पूरे नाटो पर हमला माना जाएगा और ये संगठन दुश्मनों पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।
लिथुआनिया को एफ-16 फाइटर जेट्स भेजे गए हैं। इसके अलावा स्पेन भी नाटो संधि के तहत बुल्गारिया को फाइटर जेट्स भेज रहा है। फ्रांस ने पहले ही बुल्गारिया में अपनी सेना भेजने की बात कही है।
अमेरिका भी रूस से टक्कर लेने के लिए तैयार
इस बीच अमेरिका में कुछ अधिकारियों ने दावा किया है कि राष्ट्रपति जो बाइडन भी पूर्वी यूरोप और बाल्टिक देशों में अपनी सेना भेजने की तैयारी कर रहे हैं। बताया गया है कि बाइडन ने सेना की टुकड़ियों के साथ अमेरिका के अत्याधुनिक फाइटर जेट्स और युद्धपोत भी रूस से लगते बाल्टिक समुद्र में उतारने का फैसला किया है।
माना जा रहा है कि बाइडन प्रशासन ने रूस के साथ सीधी टक्कर लेने का मन बना लिया है, जबकि कुछ दिनों पहले तक अमेरिका लगातार बातचीत के जरिए रूस से अपील कर रहा था कि लह यूक्रेन पर हमला करने की गलती न करे।
रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला कर सकता है। बीते दिनों राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि उन्हें लगता है कि उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में दखलंदाजी करेंगे, लेकिन उन्हें जंग से बचना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी आशंका जताई है कि रूस जल्द ही’ यूक्रेन पर हमला कर सकता है।