Skip to content

Menu
  • Home
  • खास खबर
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • अपराध
  • खेल
  • आस्था
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • राशिफल
  • वीडियो
  • व्यापार
  • शिक्षा
  • सियासत
  • ई पेपर
  • स्वास्थ्य
  • 20 अक्टूबर से 02 नवम्बर 2024 JAGAT BHOOMI
  • जापान फिलिपींस सेवाकेंद्रो की निदेशिका ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी रजनी दीदी का भिलाई मिनी इंडिया में हुआ अभूतपूर्व स्वागत…
Menu

दवाओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लाएं-सीएम बघेल

Posted on April 29, 2021

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कोविड-19 संक्रमण के प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं की अधिसूचना के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि देश के बाकी प्रदेशों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कोविड-19 की द्वितीय लहर के अंतर्गत संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है।

इस महामारी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 25 अप्रैल 2021 तक के 6,52,362 मामले दर्ज किए गए हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 अंतर्गत औषधियों को आवश्यक वस्तुओं में शामिल किया गया है। औषधि का अर्थ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत अधिसूचित औषधियों से है।

भारत सरकार ने इससे पहले भी कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मास्क (2 और 3 प्लाई सर्जिकल मास्क एवं N95 मास्क) एवं हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत अधिसूचित (भारत सरकार अधिसूचना 13 मार्च 2020) किया था, जिससे महामारी की पहली लहर से निपटने में अत्यंत सहायता हुई।

कोविड-19 की वजह से प्रदेश में बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर मरीजों के उपचार के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन, आइवरमेक्टिन टैबलेट्स, एनोक्सापारिन इंजेक्शन, डेक्सामेथासोन टैबलेट एवं इंजेक्शन, टोसीलीजुमब इंजेक्शन और फेविपिराविर कैप्सूल की मांग बढ़ गई है।

इन औषधियों की बड़ी मांग के कारण इनके जमाखोरी एवं काला बाजारी की शिकायतें भी लगातार प्राप्त हो रही है, जिसकी वजह से मरीजों के उपचार में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार ने उपरोक्त औषधियों की काला बाजारी को रोकने के कई निर्णायक कदम उठाए हैं।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

©2025 | Design: Newspaperly WordPress Theme