प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है।
हबीबगंज स्टेशन का नाम आखिरी हिंदू आदिवासी रानी कमलापति के नाम पर रखने का केंद्र का यह फैसला मध्यप्रदेश सरकार की अनुशंसा पर है।
मध्यप्रदेश का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला विश्व स्तरीय मॉडल स्टेशन है, जहां अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की तर्ज पर यात्रियों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं।
इस स्टेशन को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत विकसित किया गया है। रानी कमलापति स्टेशन परियोजना की कुल लागत लगभग 450 करोड़ रुपये है।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एंट्री और एग्जिट गेट अलग-अलग हैं। प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए स्टेशन पर एस्केलेटर और लिफ्ट लगाए गए हैं। ओपन कॉनकोर्स में 700 से 1,100 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
ट्रेनों की आवाजाही की जानकारी के लिए पूरे स्टेशन पर अलग-अलग भाषाओं के डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं। स्टेशन पर फूड कोर्ट, रेस्तरां, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, छात्रावास, वीआईपी लाउंज भी होगा। चौबीसों घंटे निगरानी रखने के लिए स्टेशन पर लगभग 160 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज ने प्रधानमंत्री मोदी का दिया धन्यवाद
भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी रानी रानी कमलापति के नाम पर रखने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी रानी रानी कमलापति के नाम पर रखने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं। वह गोंड समाज की शान थीं। वह आखिरी हिंदू रानी थीं।
राज्य के परिवहन विभाग के पत्र में बताया गया है कि केंद्र सरकार के फैसले के अनुसार स्टेशन का नाम बदलने पर 15 नवंबर को सम्मानित आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की याद में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में भी मनाया जाएगा।