



केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सभी के लिए कोविड टीके की दूसरी और ऐहतियाती खुराक के बीच अंतराल को 9 महीने से घटाकर छह महीने कर दिया था। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह की सिफारिश पर ऐसा किया गया था।
फुली वैक्सीनेटेड यानी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के 6 महीने बाद ही शरीर में एंटीबॉडी का स्तर कम होने लगता है। दोबारा संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। लिहाजा बूस्टर डोज जरूरी होता है।
लेकिन इस खतरे के बावजूद लोग बूस्टर डोज यानी ऐहतियाती खुराक नहीं लगवा रहे थे जिसकी एक बड़ी वजह शायद ये थी कि ज्यादातर राज्यों में 60 साल के कम उम्र वालों को बूस्टर के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही थी। अब सरकार ने बूस्टर डोज को न सिर्फ मुफ्त करने का फैसला किया है बल्कि इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाने का भी फैसला किया है।
75 दिनों तक चलेगा मुफ्त बूस्टर डोज अभियान
फिलहाल बूस्टर डोज सिर्फ सीमित समय तक मुफ्त में लगेगी। दरअसल, आजादी के 75 साल पूरा होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। मुफ्त बूस्टर डोज अभियान भी आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 15 जुलाई से 75 दिनों तक चलाया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मुफ्त बूस्टर डोज के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। साथ ही उन्होंने सभी वयस्कों से अपील की है कि वे प्रिकॉशन डोज यानी बूस्टर डोज जरूर लगवाएं।