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सिद्विविनायक अस्पताल से डॉक्टर कर्मचारी हटाए गए

भिलाई. स्वास्थ्य विभाग ने सिद्विविनायक अस्पताल, सिरसा गेड, भिलाई-3 में जांच करने वाली टीम ने पाया कि शिवांश वर्मा, 10 माह की मौत स्वास्थ्य उपचार में लापरवाही की वजह से हुई है। बुधवार को चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग डॉक्टर जेपी मेश्राम ने आदेश जारी कर सिद्विविनायक अस्पताल के तमाम चिकित्सक व कर्मियों को हटाने निर्देश दिया। वहीं अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने 30 दिन का नोटिस थमाया है।

इलाज के दौरान मौत होने की शिकायत के लिए सीएमएचओ, दुर्ग ने वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों व लिपिक कर्मचारी की संयुक्त जांच टीम गठित की। जांच टीम ने मासूम के स्वास्थ्य उपचार दस्तावेजों के अवलोकन व बच्चे के परिजनों का पक्ष व अस्पताल प्रशासन का पक्ष रखने के बाद 11 नवंबर 2022 को जांच पालन प्रतिवेदन मय अभिमत सहित दफ्तर में पेश किया।

पेश किए गए प्रतिवेदन में अस्पताल प्रबंधन के चिकित्सक अधिकारी, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी व पैरामेडिकल स्टॉफ ने शिवांश के स्वास्थ्य उपचार में लापरवाही से मृत्यु होना पाया है।  जिलाधीश व पर्यवेक्षी प्राधिकारी, नर्सिंग होम एक्ट जिला, दुर्ग का अनुमोदन जिला-दुर्ग को नर्सिंग होम एक्ट में उल्लेखित प्रावधानों के तहत नर्सिंग होम एक्ट 2013 में वर्णित अध्याय-3 की धारा 12. दण्ड और जुर्माना – (क) (1) इस अधिनियम व इसके अधीन बनाए गए किन्ही नियमों के अधीन जो कोई भी अनुज्ञा पत्र के संबंध में बनाए गए प्रावधान का उल्लंघन करता है तो 20 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित करने का उल्लेख है। जिसके तहत संबंधित अस्पताल को 20 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया गया है।

नर्सिंग होम एक्ट 2010 व 2013 में वर्णित धारा 09. अनुज्ञ-पत्र का निरस्तीकरण – कंडिका (2) के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर अनुज्ञा पत्र का निरस्तीकरण के लिए कंडिका (3) के अनुसार 30 दिवस का नोटिस दिया गया है।

अस्पताल प्रबंधक के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संमीत राज प्रसाद, शिशुरोग विशेषज्ञ व आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दुर्गा सोनी, बीएएमएस डॉक्टर हरिराम यदु, बीएएमएस डॉक्टर गिरीश साहू, बीएएमएस व नर्सिंग स्टाफ कुमारी विभा साहू, आरती साहू, कुमारी निर्मला यादव की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त किया गया है।

पुलिस को मां ने बयान में बताया कि 10 माह के मासूम को सर्दी खांसी जुकाम होने पर 27 अक्टूबर 2022 को रात 8 बजे भिलाई के सिद्धि विनायक बच्चों के अस्पताल में लेकर गए। डॉक्टर ने प्राथमिक जांच कर बताया कि बच्चे को अभी भर्ती करना पड़ेगा सांस की गति तेज चल रही है। इसलिए ऑक्सीजन भी लगेगा। 28 अक्टूबर को एक्स-रे करवाने सुपेला लेकर गए।

चिकित्सक ने एक्स-रे देखकर कहा कि फेफड़े में इंफेक्शन है। 4-5 दिन में ठीक हो जाएगा। 31 अक्टूबर को जूनियर आए और बच्चे को देख कर बोले की बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है। दो दिनों में छुट्टी हो जाएगी। थोड़ा बुखार है दवा बदलकर दे रहा हूं। शाम के समय नर्स ने इंजेक्शन लगाया। बच्चा मां की गोद में ही छटपटाया। मां ने तरंत नर्स को आवाज दिया। नर्स बच्चे को लेकर गए और तब तक आवेदक की पत्नी ने परिजनों को फोन कर इसकी सूचना दी। रात 11 बजे के बाद बच्चे को चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास में मासूम के पिता डिकेश कुमार वर्मा, मां और दादा भी देवबलौदा से पहुंचे। उन्होंने सीएम के नाम उनके पुत्र चैतन्य बघेल से मिलकर 10 माह के मासूम बेटे शिवांश वर्मा को किस तरह से सिद्धि विनायक अस्पताल में दाखिल किया। इसके बाद उसकी वहां कैसी परिस्थिति में मौत हुई। इसकी पूरी जानकारी पत्र के माध्यम से सौंपी। उन्होंने गुहार लगाया कि बेटे को इंसाफ दिलाया जाए। जिसके बाद इस मामले में कार्रवाई विभाग ने तेजी से की है।

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