संसद के बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पहली बार अभिभाषण दिया। अभिभाषण में राष्ट्रपति ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सरकार के लगभग 9 वर्षों के कार्यकाल में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है।
हमारे लिए युग निर्माण का अवसर है। हमें ऐसा भारत बनाना है, जो आत्मनिर्भर है और जो अपने मानवीय दायित्व को पूरा करने में समर्थ हो, जिसमें गरीबी न हो, जिसका मध्यम वर्ग भी वैभव से युक्त हो। जिसकी युवा शक्ति, नारी शक्ति समाज और राष्ट्र को दिशा देने के लिए खड़ी हो।मुर्मु ने कहा कि जो भारत कभी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का जरिया बना है। जिन सुविधाओं के लिए देश की एक बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतजार किया, वे इन वर्षों में उसे मिली है।
धारा 370 हटाई, तीन तलाक भी खत्म किया
राष्ट्रपति ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार किया गया है। LoC से लेकर LAC तक हर दुस्साहस का कड़ा जवाब भी दिया गया। उन्होंने कहा कि धारा 370 को हटाने से लेकर तीन तलाक तक, मेरी सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार की रही है।
किसी से भेदभाव नहीं
मुर्मु ने आगे कहा कि मौजूदा सरकार ने बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग के लिए काम किया है। बीते कुछ वर्षों में मेरी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि अनेक मूल सुविधाएं आज या तो शत-प्रतिशत आबादी तक पहुंच चुकी हैं या फिर उस लक्ष्य के बहुत करीब हैं।
देश के करोड़ों गरीबों को और गरीब होने से बचाया है। इस योजना के जरिए उनके 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होने से बचे। 7 दशकों में देश में करीब सवा तीन करोड़ घरों तक पानी का कनेक्शन पहुंचा था। जल जीवन मिशन के तहत 3 साल में करीब 11 करोड़ परिवार पाइप के जल से जुड़े हैं।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता आज हम देख रहे हैं। देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है। महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले और बेहतर हुआ है। मेरी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी काम, किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश न हो। माइनिंग से लेकर सेना में अग्रिम मोर्चों तक, हर सेक्टर में महिलाओं की भर्ती को खोल दिया गया है। मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है।
अमृतकाल में देश पंच प्राणों की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है। गुलामी के हर निशान, हर मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है। जो कभी राजपथ था, वह अब कर्तव्यपथ बन चुका है।