रायपुर स्टेशन से दुर्ग लाइन पर सबसे पहला सरस्वती नगर फाटक पर अंडरब्रिज बनाने का काम शुरू होगा। क्योंकि यह रेलवे का एेसा फाटक है, जिसके करीब रविशंकर शुक्ल विवि होने से आवाजाही दोनों तरफ से अधिक होती है। परंतु ट्रेनों की लगातार आवाजाही के कारण यह फाटक दिनभर में कई बार बंद होता है, तो दोनों तरफ वाहनों का लंबा ट्रैफिक जाम लग जाता है। अंडरब्रिज बन जाने से शहर के लोगों को राहत काफी सुविधा होगी।
दोहरीकरण, तीसरी और चौथी पर खर्च करने के साथ ही रेलवे फाटक पर सुरक्षित आवाजाही को लेकर अधिक फोकस रेलवे का होगा। क्योंकि रेलवे बोर्ड ने २०२४ तक अधिक रेलवे क्रासिंग को अंडरब्रिज और ओवरब्रिज बनाकर बंद करने का प्लान बनाया हुआ है। उसी के तहत राज्य और रेलवे के संयुक्त बजट से पिछले १० वर्षों में शहर के बीच कई रेलवे क्रासिंग पर अंडरब्रिज और ओवरब्रिज बने हैं।शहर के बीच में आमानाका, डूमरतालाब, मोवा पंडरी, कोटा-गोंदवारा क्रासिंग पर ओवर और अंडरब्रिज, शंकरनगर क्रासिंग में ये काम कराया गया है। वाल्टेयर फाटक और गोगांव फाटक पर अंडरब्रिज अधूरा है। रेल अफसरों के अनुसार नए वित्तीय वर्ष के बजट प्रावधान में रायपुरनाका और सरस्वती फाटक को लिया गया है। जहां अंडरब्रिज बनेगा।इलेक्ट्रिक फाटक के रूप में तब्दील होगा रेल अफसरों का कहना है कि साल-दर-साल सभी रेलवे क्रासिंग को बंद कर देने का प्लान है।
एेसी सभी जगहों पर ओवरब्रिज और अंडरब्रिज बनाने का बजट मिल रहा है। इसके साथ ही मैनुअल रूप से फाटक बंद करने और खोलने का जो सिस्टम पुराने समय से चल रहा है, उसमें बदलाव करते हुए इलेक्ट्रिक सिस्टम के रूप में तब्दील करने का निर्णय लिया गया है।
हर डिवीजन में काम कराए जा रहे हैं। इस बार रेल बजट प्रावधान से कई क्रासिंग पर जहां ब्रिज बनाने का प्लान है, वहीं इलेक्ट्रिक सिस्टम में तब्दील करने पर काम होगा। साकेत रंजन, सीपीआरओ, रेलवे