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शनि देव को बहुत क्रूर देवता माना जाता है. वे कर्मों के अनुसार फल देते हैं और इसलिए उन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है. शनि देव की कृपा इंसान के वारे न्यारे कर देती है. इसलिए शनि के भक्तों की कमी नहीं है और शनिवार समेत खास मौकों पर शनि मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है.
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लेकिन कभी सोचा है कि बाकी भगवानों की तरह शनि देव की मूर्ति या फोटो घर में क्यों नहीं रखी जाती है. जबकि आमतौर पर घरों में राधा-कृष्ण, शिव परिवार, गणेशजी और भगवान राम के अलावा तमाम देवी-देवताओं की मूर्तियां या फोटो होती हैं. साथ ही इनकी रोज घर में पूजा की जाती है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार शनिदेव को श्राप मिला था कि वह जिस पर भी अपनी दृष्टि डालेंगे, उसका अनिष्ट हो जाएगा इसलिए घर में शनि की मूर्ति या फोटो नहीं रखी जाती है ताकि लोग उनकी दृष्टि से बचे रहें. इतना ही नहीं शनि देव की पूजा करते समय भी कभी भी उनकी मूर्ति के सीधे सामने खड़े होकर उनके दर्शन नहीं करने चाहिए. बल्कि हमेशा मूर्ति के दाएं या बाईं ओर खड़े होकर शनि देव के दर्शन करने चाहिए.
शनि देव की दृष्टि से बचने के लिए बेहतर है कि शनि देव की मूर्ति की बजाय उनके शिला रूप के दर्शन करने चाहिए. इसके अलावा पीपल के पेड़ की पूजा करना, सरसों के तेल का दीपक जलाना या शनि का दान करना भी शनि की कृपा पाने का सबसे अच्छा तरीका है. गरीबों, असहायों की मदद करने और उनकी सेवा करने से भी शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं.
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