कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को कहा कि राज्य के 75 हजार से अधिक शिक्षण संस्थानों में से मात्र आठ स्कूल कालेजों में ही हिजाब को लेकर विवाद जारी है।
सरकार और प्रशासन गुरुवार को इस विवाद से निपटने में लगा रहा। हुबली-धारवाड़ क्षेत्र में इस विवाद से निपटने के लिए 28 फरवरी तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। उधर उडुपी के सरकारी कालेज में गुरुवार को हिजाब पर अड़ी 60 छात्राओं को घर भेज दिया गया। बेलगावी में धार्मिक नारेबाजी पर छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
उल्लेखनीय है हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में हिजाब विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं पर विचार लंबित रखते हुए पिछले सप्ताह सभी छात्र-छात्राओं को कक्षा के भीतर भगवा शाल, स्कार्फ, हिजाब और कोई भी धार्मिक झंडा पहनने से रोक दिया था।
हालांकि, विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को भी छात्राएं हिजाब और बुर्का के साथ कक्षाओं में जाने की अनुमति देने पर अड़ी रहीं।प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने यहां मीडिया को बताया कि ‘समस्या’ केवल कुछ हाई स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कालेजों तक ही सीमित है।
उन्होंने कहा कि 75,000 स्कूलों और कालेजों में से आठ कालेजों में समस्या बनी हुई है। हम इसका समाधान करेंगे। हमें खुशी है कि सभी छात्रों ने हमारे आदेश का पालन किया है।अपने ही कालेज में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। छात्रा ने कहा कि वह बुर्का उतार देगी और कक्षा में हिजाब पहनकर ही बैठेगी लेकिन उसे इसकी इजाजत नहीं दी जा रही। उसने चेतावनी दी कि जब तक उसे प्रवेश नहीं मिलेगा वह कालेज के बाहर धरना देगी।
चिकमंगलुरु में छात्राओं ने रैली निकाली और पूछा कि जब हिंदुओं को उनके धार्मिक चिह्नों चूड़ी और बिंदी की अनुमति है तो उन्हें हिजाब क्यों नहीं पहनने दिया जा रहा।
बेलगावी में विजय इंस्टीट्यूट आफ पैरा मेडिकल साइंसेज में धार्मिक नारेबाजी से थोड़ी देर के लिए तनाव हो गया। कालेज के सामने अल्लाह हो अकबर के नारे लगाने वाले छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, उनमें से कई लोगों का कालेज से कोई जुड़ाव नहीं है। इसी तरह चित्रदुर्ग महिला पीयू कालेज में छात्राओं ने संस्था के बाहर धरना दिया।