महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में ठाकरे परिवार से मुक्त सरकार बनवाने के बाद शनिवार से हैदराबाद में शुरू होने जा रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा परिवारवाद के खिलाफ मुहिम को और धार देगी।
झारखंड से लेकर तमिलनाडु तक पांच राज्यों में परिवार आधारित पार्टियों की सरकार हैं और तेलंगाना इसके ठीक बीच में है। परिवारवाद से मुक्ति की मुहिम दक्षिण के राज्यों में भाजपा का जनाधार बढ़ाने की रणनीति का अहम हिस्सा हो सकती है, जहां अभी तक पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुरू से राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद से भाजपा और ज्यादा मुखर हुई है।
हैदराबाद (Hyederabad) में बीजेपी (BJP) की यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब पार्टी तेलंगाना (Telangana) में अपने पैर पसारने की पुरजोर कोशिशों में लगी हुई है. बीजेपी को चुनौती देने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के प्रमुख के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के एक व्यापक गठबंधन को स्वरूप देने का प्रयास कर रहे हैं.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पूरे देश से 340 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। शनिवार शाम चार बजे से रविवार शाम चार बजे तक चलने वाली बैठक में प्रधानमंत्री मोदी पूरे समय मौजूद रहेंगे और उसके बाद वे हैदराबाद में बड़ी रैली को संबोधित भी करेंगे।