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कर्नाटक में कॉलेजों में कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक

बेंगलुरु शैक्षिणिक संस्थानों में लगातार कोरोना संक्रमण का मामला सामने आने के बाद कर्नाटक सरकार ने वहां कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है। सरकार की ओर से जारी निर्देश के तहत स्कूल व कॉलेजों में अगले दो माह तक किसी प्रकार के सामाजिक या सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा।

कोविड-19 मामलों में कमी आने के बाद कर्नाटक में स्कूल व कॉलेज खोले गए हैं। लेकिन, इसके साथ ही कोविड केस के मामले इन संस्थानों से सामने आ रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने पिछले तीन-चार दिनों में शैक्षणिक संस्थानों में बढ़े मामलों को देखने के बाद इस प्रकार का फैसला लिया है।

सरकार की ओर से की गई समीक्षा में पाया गया है कि शैक्षणिक संस्थानों में कोविड-19 केस कार्यक्रमों के आयोजन के बाद बढ़े हैं। राज्य सरकार ने इसके साथ-साथ प्रदेश के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए कोरोना वैक्सीन के बूस्टर शॉट देने की मांग की है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव ने स्कूलों में कार्यक्रम के आयोजन पर सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बड़ी सभाओं से बचने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में सम्मेलन, सेमिनार और शैक्षणिक कार्यक्रम भी स्थगित किए जाने चाहिए। विभाग ने कहा कि कुछ कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित किए जा सकते हैं।

सीएम बसवराज बोम्मई ने केंद्र सरकार से कोरोना संक्रमण बढ़ने और ओमिक्रॉन वैरिएंट के सामने आने के बाद प्रभावित देशों से ट्रैवल बैन किए जाने की मांग की है। सीएम ने कहा कि राज्य ने केंद्र से बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका और हांगकांग जैसे उच्च जोखिम वाले देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है, ताकि नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के प्रसार की जांच की जा सके।

उन्होंने सुझाव दिया है कि बूस्टर शॉट्स पर एक राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए और कर्नाटक इसकी मंजूरी मिलते ही डोज देना शुरू कर देगा।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर कर्नाटक में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बूस्टर कोविड -19 वैक्सीन खुराक को तुरंत मंजूरी देने का आग्रह किया है। धारवाड़ में एसडीएम कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद सरकार स्वास्थ्यकर्मियों को

प्राथमिकता के आधार पर बूस्टर डोज देने की तैयारी कर रही है। राज्य ने केंद्र से इस मुद्दे पर एक समान राष्ट्रीय नीति का मसौदा तैयार करने का आग्रह किया है। बोम्मई ने कहा कि हमने केंद्र से शॉट्स को मंजूरी देने के लिए कहा है। विशेष रूप से वायरस के नए वैरिएंट से तनाव बढ़ने और राज्य में लगातार नए मामले सामने आने के बाद इस पर विचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र बूस्टर डोज के प्रस्ताव को मंजूरी देता है और राष्ट्रीय नीति का खुलासा करता है, तो सरकार तुरंत इसका प्रबंध करेगी। कर्नाटक के नौ लाख स्वास्थ्यकर्मी हैं, जो कोविन पोर्टल पर पंजीकृत हैं।

साथ ही, सीएम ने बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका और हांगकांग जैसे उच्च जोखिम वाले देशों से सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह केंद्र से किया है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसार पर रोक के लिए यह अनुरोध किया गया है।

कर्नाटक सरकार अब सरकारी व निजी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य बनाने पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। हालांकि, अब तक केंद्र सरकार की ओर से टीका को अनिवार्य नहीं घोषित किया गया है।

इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम नेता जरूर आम लोगों से टीका लेने का आग्रह कर रहे हैं। सीएम बोम्मई ने कहा कि मॉल, निजी कंपनियों या सरकारी कार्यालयों में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के लिए दो खुराक लेना अनिवार्य होगा।

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