राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद मोदी सरकार ने विपक्ष को जवाब देने का इरादा साफ कर दिया है। इसी के मद्देनजर मोदी सरकार के आठ मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, प्रहलाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल और वी मुरलीधरन शामिल थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समेत विपक्ष ने योजना के तहत सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई। सदन की मर्यादा और गरिमा को चोट पहुंचाई। इसके लिए उन्होंने पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
सबसे पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए। वहीं, विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा। घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए इनको देश से माफी मांगनी चाहिए।’
अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज भी राहुल गांधी और कांग्रेस यह स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट दिया। विपक्ष की मांग पर हम कृषि संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन वह मेज पर चढ़ गए, हमारे मंत्री पेगासस पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन उन्होंने विधेयक फाड़ दिया… महिला मार्शल के साथ अभद्रता की।
विपक्ष सदन चलने नहीं देना चाहता था : जोशी
इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि मानसूम सत्र कल खत्म हुआ। पहले दिन से ही सदन को चलने नहीं दिया गया। टीएमसी ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि सदन को वाशआउट करना है। इसके बाद भी हमारे वरिष्ठ नेताओं ने विपक्ष के साथ बात की और सदन चलने देने का निवेदन किया। हमने कहा कि मंत्रीमंडल विस्तार की वजह से जो नए मंत्री सदन में आए हैं, उन्हें परिचय देने दिया जाए। इसे भी नहीं होने दिया गया।
उन्होंने कहा कि कोरोना, कृषि, महंगाई पर चर्चा करने के लिए सरकार तैयार थी। हमने विपक्ष की ज्यादातर बातों को माना। जो भी उन्होंने कहा, हमने सब पर सहमति जताई। इसके बाद उन्होंने पेगासस पर चर्चा की मांग की। मैं कहना चहूंगा कि कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने तय कर लिया था कि इस बार सदन नहीं चलने देना है।
प्रहलाद जोशी ने कहा कि हमने हमेशा सरकार के बिलों के बारे में पहले ही विपक्ष को बताया। अब कहा जा रहा है कि बिना चर्चा के बिल पास कराए गए। कई मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि 2004-14 के बीच कई बिलों को बिना चर्चा के पास कराया गया। इसमें आंध्र प्रदेश का विभाजन भी शामिल है। राजस्थान, बंगाल समेत कई राज्यों में बिल ऐसे ही पास कराए जा रहे हैं। इसे भूलकर विपक्ष सरकार पर झूठा आरोप लगा रहा है।
4 तारीख को विपक्ष के 6 नेताओं ने शीशा तोड़कर अंदर आने की कोशिश की। इसमें एक महिला स्टाफ घायल हुई। बीते दिन टेबल के ऊपर चढ़कर मर्यादा को तार-तार किया गया। हंगामे का वीडियो को सोशल मीडिया पर जारी कर दिया गया है। यह जानते हुए भी कि दोनों सदनों में वीडियोग्राफी की मंजूरी नहीं है। घटना से विपक्ष की सोच का पता चलता है।
उन्होंने कहा कि राहुल ने कहा है कि लोकतंत्र की हत्या की गई है। देश की जनता सब जानती है। उन्होंने विपक्ष के रवैए को देखा है। हम सभापति से कार्रवाई की मांग करते हैं, ताकि आगे से ऐसा न हो। रही बात सरकार की, तो हम आज भी सबसे बात करने को तैयार है, चर्चा के लिए तैयार हैं।