आगरा के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपए चोरी के शक में पकड़े गए सफाई कर्मी की पुलिस हिरासत में मौत पर परिवार और समाज के लोग गुस्से में हैं।
अपने नेताओं के आह्वान पर बुधवार को समाज के लोगों ने शहर में वाल्मीकि जयंती पर आयोजित कार्यक्रम रद कर दिए।
उधर, इस मामले में जगदीशपुरा थाने के एसओ और दारोगा सहित कुल छह पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है।
सफाई कर्मी अरुण की पुलिस हिरासत में मौत तब हुई जब पुलिस टीम उसके घर पर रुपयों की बरामदगी करने गई थी। वाल्मीकि समाज के नेताओं ने अरूण के परिवार के लिए सरकार से एक करोड़ रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है।
इसके साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने की भी उनकी मांग है। आगरा के एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि 17 अक्टूबर को जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपए कैश की चोरी हो गई थी।
इस मामले में आईपीसी की धारा 457 और 380 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच में जुटी पुलिस उन लोगों से पूछताछ कर रही थी जिनका थाने में अक्सर आना-जाना था।
संदिग्धों में से एक सफाईकर्मी अरुण कुमार थाने में सफाई के लिए अक्सर आता-जाता था। उसे मंगलवार को तासगंज क्षेत्र से पकड़कर पूछताछ की गई।
पुलिस के मुताबिक अरुण ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली थी और बताया था कि कैश उसके घर पर है। पुलिस टीम उसे लेकर उसके घर पहुंची जहां से 15 लाख रुपए बरामद हुए। हालांकि रिकवरी के दौरान अरुण कुमार की तबीयत बिगड़ने लगी तो परिवार के सदस्यों और पुलिस द्वारा उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एसएसपी ने बताया कि अरुण कुमार की मौत के बाद आगरा के जिलाधिकारी से सम्पर्क कर शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया गया।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन उनकी मांगे नहीं मानता तो वाल्मीकि समाज हड़ताल पर जाने और आगरा नगर निगम के सारे काम ठप कर देने में संकोच नहीं करेगा। गौरतलब है कि जगदीशपुरा थाने के मालखाने में रविवार को 25 लाख रुपए की चोरी हुई थी।
इसे सुरक्षा में गंभीर चूक मानते हुए आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद ने थाने के एसओ और दारोगा सहित छह पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है।