उत्तर प्रदेश: यूपी के मेरठ से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां एसटीएफ ने फर्जी ई-वे बिल से करोड़ों की जीएसटी चोरी के मामले में कमर अहमद नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि यह जीएसटी की चोरी 100 करोड़ से ऊपर की हो सकती है. एसटीएफ इसकी जांच कर रही है. फिलहाल आरोपी के खिलाफ मेरठ के सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया है.
दरअसल, एसटीएफ को लगातार जीएसटी चोरी के मामले में इनपुट्स मिल रहे थे. इसी को लेकर एसटीएफ भी नजर रखे हुए थी. गुरुवार रात एसटीएफ ने मेरठ के ब्रॉडवे इन होटल से अमर अहमद नाम के आरोपी को हिरासत में लिया. कैंट क्षेत्र निवासी कमर अहमद कई कंपनियों का मालिक और पार्टनर है.
फर्जी ई-वे बिल के जरिए जीएसटी में की गई गड़बड़ी
आरोप है कि कमर अहमद ने फर्जी ई वे बिल से करोड़ों की जीएसटी चोरी की है. आरोपी की निशानदेही पर कई दस्तावेज और मोबाइल बरामद किए गए हैं. एसटीएफ ने कमर अहमद को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. अब उसके खिलाफ मेरठ के सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया है.
आरोपी के परिचितों का लेखा जोखा जुटा रही एसटीएफ
इसके अलावा एसटीएफ टीम कमर अहमद और उसके परिचित लोगों की कंपनियों का लेखा जोखा भी जुटाने में लग गई है. माना जा रहा है कि इस मामले की जांच पड़ताल के बाद कई और बड़े खुलासे भी हो सकते हैं.
इस तरह फर्जी कंपनियां बनाकर की गई जीएसटी चोरी
इस मामले के संबंध में एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि कमर अहमद और उसके साथियों ने कुछ पैन कार्ड और दूसरे दस्तावेज के आधार पर जीएसटी नंबर ले लिया था. इसके बाद उन्हीं के सहारे फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड करा ली गईं. इसके बाद इन फर्जी कंपनियों का कागजों में कारोबार दिखाया और करोड़ों की जीएसटी चोरी को अंजाम दिया गया. फिलहाल आरोपी से इस पूरे मामले को लेकर पूछताछ की जा रही है.
आरोपों को लेकर कारोबारी कमर अहमद ने क्या दी सफाई?
वहीं कारोबार कमर अहमद से जब पूछा गया कि आपको माफिया अतीक अहमद का रिश्तेदार बताया जा रहा है? इस सवाल के जवाब में कमर अहमद ने कहा कि मैं अतीक का कोई रिश्तेदार नहीं हूं. मैंने कभी शक्ल भी नहीं देखी. कमर अहमद ने कहा कि होटल ब्रॉडवे इन में हम तीन पार्टनर हैं. जीएसटी चोरी के आरोपों के मामले में कहा कि मेरे पास सारे बिल हैं, सारी चीजें हैं. मेरे जो पार्टनर हैं, उनके पास सारे सबूत हैं, सारे पर्चे हैं. वहीं फर्जी कंपनियां बनाने के सवाल पर कमर अहमद ने कहा कि मैंने कोई फर्जी कंपनी नहीं बनाई.