भारत ने मुंबई टेस्ट में न्यूजीलैंड को 372 रन से हरा दिया है। इस तरह भारत ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज 1-0 से जीत ली। कानपुर में खेला गया पहला टेस्ट ड्रा रहा था।
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 325 रन बनाए थे। जवाब में न्यूजीलैंड की पूरी टीम महज 62 रन पर आउट हो गई थी।
भारत ने फिर बल्लेबाजी की और दूसरी पारी में 7 विकेट खोकर 276 रन बनाए और पारी घोषित कर दी। इस तरह न्यूजीलैंड को 540 रनों का लक्ष्य मिला था। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक मेहमान टीम ने पांच विकेट खोकर 140 रन बना लिए थे।
आज सुबह के स्तर में बाकी विकेट धराशाही हो गए। न्यूजीलैंड की दूसरी पारी भी सिर्फ 167 रन पर सिमट गई। इस तरह भारत ने 372 रन के बडे़ अंतराल से जीत दर्ज कर
मैच में मैन ऑफ द मैच चुनना मुश्किल फैसला रहा, क्योंकि बल्लेबाजों में जहां मयंक अग्रवाल ने दोनों पारियों में शानदार रन बनाए वहीं अश्विन ने दोनों पारियों में अपना असर दिखाया। आखिीर में मयंक अग्रवाल को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।
उन्होंने पहली पारी में 150 तो दूसरी पारी में 62 रन बनाए। अश्विन ने मैच में 42 रन देकर 8 विकेट लिए। पारी में बिना पांच विकेट लिए यह दुनिया का दूसरा श्रेष्ठ प्रदर्शन हैं। इससे पहले 2002 में शेन वार्न ने पाकिस्तान के खिलाफ शाहजाह टेस्ट में 24 रन देकर 8 विकेट लिए थे।
भारत पहली पारी: 325 रन (मयंक अग्रवाल 150 रन, अक्षर पटेल 52 रन, एजाज पटेल 10 विकेट) न्यूजीलैंड पहली पारी: 62 रन (अश्विन 4 विकेट, मो. सिराज 3 विकेट, अक्षर पटेल 2 विकेट, जयंत यादव 1 विकेट)
भारत दूसरी पारी: 276/7 पारी घोषित (मयंक अग्रवाल 62 रन, पुराजा 47 रन, शुभमन गिल 47 रन, एजाज पटेल 4 विके)
न्यूजीलैंड दूसरी पारी: 167 रन (अश्विन 4 विकेट, जयंत यादव 4 विकेट, अक्षर पटेल एक विकेट)
बतौर कोच यह राहुल द्रविड़ की पहली टेस्ट सीरीज थी। जीत के बाद राहुल द्रविड़ ने कहा, सीरीज को जीत के साथ खत्म करना अच्छा रहा। कानपुर में हम जीत के करीब आए थे। यह परिणाम एकतरफा लगता है, लेकिन सच यह है कि सीरीज जीतने के लिए हमने कड़ी मेहनत की। कुछ ऐसे मौके आए जहां हम पीछे थे और हमें वापसी के लिए लड़ना पड़ा, इसका श्रेय टीम को जाता है।
लड़कों को आगे बढ़ते हुए और अपने अवसरों का लाभ उठाते हुए देखकर अच्छा लगा। हमें कुछ सीनियर खिलाड़ियों की कमी खल रही थी। जयंत का कल का दिन मुश्किल था, लेकिन आज से सीखा।
मयंक, श्रेयस, सिराज, जिन्हें ज्यादा मौके नहीं मिलते। अक्षर ने बल्ले से भी कलाम किया, यह देखकर बहुत अच्छा लगा। यह हमें बहुत सारे विकल्प भी देता है, हमें एक मजबूत पक्ष बनने में मदद करता है।