जांजगीर-चांपा बस्ती बाराद्वार में मुक्तिधाम में शव जलाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। एक पक्ष ने मौके पर पहुंचकर जलती चिता में पानी डालकर आग बुझा दी और शव को बाहर निकाल दिया। इसको लेकर लोग आक्रोशित हो बाराद्वार-जैजैपुर मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। पुलिस की समझाइश के बाद वे शांत हो गए। सुबह किसी की गिरफ्तारी नहीं होने पर फिर से अधजले शव को सड़क पर रखकर पांच घंटे चक्काजाम किया। पांच आरोपितों की गिरफ्तार के बाद दोपहर 12 बजे चक्काजाम समाप्त हुआ।
बस्ती बाराद्वार निवासी युवक प्रदीप पाटले (22) शुभ मिनरल्स डूमरपारा में हेल्पर का काम करता था। मंगलवार की रात उसकी ड्यूटी थी। वह बुधवार की सुबह 10 बजे घर आया और भोजन करने बाद मोबाइल देख रहा था। घर के अन्य सदस्य खेत गए थे। कुछ देर बाद उसका भाई दीपक कुमार घर आया। दीपक कमरे के अंदर गया तो प्रदीप कुमार साड़ी का फंदा बनाकर लटक गया था और छटपटा रहा था। दीपक ने पिता भैयालाल की मदद से उसे नीचे उतारा। तब तक उसकी मृत्यु हो गई थी। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने पीएम पश्चात शव स्वजन को सौंप दिया।
गांव के सरपंच जगदीश उरांव व अन्य लोगों ने चिता में पानी डालकर उसे बुझा दिया और शव को बाहर निकाल दिया। उनका कहना था कि हमारे समाज के मुक्तिधाम में दूसरे का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया जाएगा। इसके चलते दोनों पक्षों में विवाद हो गया और आक्रोशित लोगों ने अधजले शव को जैजैपुर-बाराद्वार मार्ग पर रखकर चक्काजाम कर दिया।
मौके पर पुलिस व तहसीलदार कमल किशोर पाटनवार पहुंचे। उन्हें समझाइश दी और आठ नामजद सहित अन्य लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया। पुलिस ने इस मामले में बस्ती बाराद्वार के सरपंच जगदीश उरांव, उपसरपंच पति लाल साय उरांव, अमृत उरांव, राजकुमार उरांव, विश्राम उरांव, सहदेव उरांव, सिपाही लाल उरांव, उमाशंकर उरांव और कमलेश उरांव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया ।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर भेजे गए जेल
आरोपितों को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सक्ती श्रद्धा सिंह के समक्ष वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एस अग्रवाल की उपस्थिति में केस डायरी के साथ आरोपितों को पेश किया गया। न्यायाधीश श्रद्धा सिंह ने आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया।