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शिक्षकों के प्रदर्शन से पहले ही गिरफ्तार

भिलाई शिक्षकों के प्रदर्शन से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। वेतन विसंगति को लेकर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन शुक्रवार को विधानसभा का घेराव करने जा रहा था। इससे पहले कि प्रदेश के जिलों से निकल कर टीचर राजधानी रायपुर पहुंच पाते, पुलिस उनके घर पहुंच गई। दुर्ग में जहां शिक्षक नेताओं को पकड़ा गया. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में 50 टीचरों को गिरफ्तार किया गया है।

 भिलाई-3 पुलिस ने शुक्रवार सुबह संघ के प्रदेश सचिव शुखनंदन यादव को चरोदा और जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार वर्मा भिलाई तीन स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया है। इसी तरह पाटन ब्लाक अध्यक्ष विनोद देवांगन, पाटन ब्लाक से मोहन यादव, दुर्ग ब्लॉक अध्यक्ष युवराज बेलचंदन और धमधा ब्लाक अध्यक्ष उत्तम ठाकुर को उनके घर से गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद फेडरेशन के पदाधिकारी सिरसा गेट में पुलिस कार्रवाई का विरोध करेंगे।

GPM जिले के शिक्षक वादा निभाओ रैली और विधानसभा का घेराव के लिए रायपुर जाने निकले। ये शिक्षक पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे। वहीं से पुलिस ने सभी टीचरों को गिरफ्तार कर लिया। इन टीचरों को शहर से करीब 5 किमी दूर गुरुकुल के जिम्नास्टिक हॉल में रखा गया है। इनमें जिला संयोजक पियूष गुप्ता, जिला प्रवक्ता अजय चौधरी सहित अन्य महिलाऔर पुरुष सहायक शिक्षक शामिल हैं। इस दौरान टीचरों ने जमकर नारेबाजी की।

शिक्षकों की अनिश्चिकालील हड़ताल पर जाने की चेतावनी

छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश सचिव शुखनंदन यादव ने बताया कि शुक्रवार को संघ के सभी पदाधिकारी और सदस्य लाखों की संख्या में रायपुर इकट्ठा होने वाले थे। इसके बाद वह लोग विधानसभा पहुंचकर उसका घेराव करते। इसके लिए उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को आवेदन दिया था। इससे पहले टीचरों की गिरफ्तारी राज्य शासन के निर्देश पर की गई है। यादव का कहना है कि मांगें नहीं मानी गई तो सहायक शिक्षक अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

ये है सहायक शिक्षकों की मांग
शुखनंदन यादव का कहना है कि उनकी मांग वेतन विसंगति को लेकर है। राज्य में शिक्षाकर्मी वर्ग एक और दो के वेतन में मात्र एक से डेढ़ हजार रुपए का अंतर है। वहीं शिक्षाकर्मी वर्ग दो से तीन के बीच 12-13 हजार रुपए का अंतर रखा गया है। संघ की मांग है कि वर्ग एक और दो के अंतर की तरह ही वर्ग दो और तीन की वेतन में भी अंतर होना चाहिए। उन्होंने शासन से वर्ग दो से तीन के बीच 2-3 हजार रुपए तक का अंतर रखने की मांग की है।

आश्वासन के बाद भी नहीं दिया ध्यान
संघ के जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार वर्मा ने बताया कि 5 सितंबर 2021 को राज्य के 1 लाख 9 हजार शिक्षकों ने इस मांग को लेकर आंदोलन किया था। उस समय मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने आश्वासन दिया था कि वो 90 दिन के भीतर इस विसंगति को दूर करने का प्रयास करेंगे।

इसके बाद एक साल होने को है, लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए वह लोग फिर से आंदोलन करने को बाध्य हो रहे हैं। इस आंदोलन में दुर्ग जिले से 3500 और दुर्ग संभाग से 25 हजार सहायक शिक्षक भाग ले रहे हैं।

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