अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीलू संजीव ने फर्जी अंकसूची के आधार पर स्वास्थ्य विभाग में नौकरी हासिल करने के आरोप में सिवनी निवासी साधना मर्सकोले और डिंडोरी निवासी संदीप कुमार बर्मन की जमानत खारिज कर दी है।
अभियोजन के अनुसार आरोपितों ने स्वास्थ्य विभाग जबलपुर में फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी हासिल की। सीएमएचओ जबलपुर की शिकायत पर ओमती पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 का प्रकरण दर्ज किया था।
शासन की ओर से एजीपी कुक्कू दत्त ने दलील दी कि आरोपितों ने जालसाजी करके नौकरी हासिल की है। ऐसे मामले में जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपितों की जमानत खारिज कर दी है।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और नयागांव, जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव की ओर से दायर प्रकरण में कहा गया है कि नगर निगम जबलपुर ने वार्ड क्रमांक 79 में स्थित उमरिया में गौशाला बनाने के लिए आवश्यक कानूनी अनुमति नहीं ली है।
इस मामले में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रभात यादव ने बताया कि एनजीटी ने 10 जून, 2021 को कलेक्टर जबलपुर को निर्देश दिया था कि गौशाला निर्माण की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। एनजीटी ने कलेक्टर की रिपोर्ट 15 दिन में पेश करने का निर्देश दिया है।
एनजीटी ने मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर करते हुए नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।